अभिचार-नाशक मन्त्र
मन्त्रः- “अग्नि का घोड़ा, बिजली की लगाम, जहाँ चढ़े हनुमान वीर, पठान लाल खान-जवान । क्या करता आया? भन्न के भसूड़ी, कढ़ के कलेजा, उस दुश्मन का खाया । जिसने ‘फलाने’ पर बार चलाया । सवा घड़ी में उसका स्यापा पाया । देखां हनुमान वीर, पठान लाल खान- जवान, तेरे इल्म चोट का तमाशा । गुरों की शक्त (शक्ति), मेरी भक्त (भक्ति) । जहां पुकारूँ, तहाँ खड़क । हिल्लि-ल्लाह-विशमिल्लाह हप हप हप ।।”

hanuman
विधि – किसी अच्छे मुहूर्त में १०८ माला ‘जप’ प्रारम्भ करे । सिद्ध हो जाने के बाद मन्त्र पढ़ते हुए रोगी को विभूति लगाए और थोड़ी-सी विभूति खिलाए । इससे सभी पर – कृत अभिचार दूर हो जाते हैं ।

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