आज का दिन कैसा बीतेगा

पंचांग से वर्त्तमान नक्षत्र ज्ञात करें। फिर नीचे दिए गये चक्र के समान एक चक्र बनायें। इस चक्र में जहां १ लिखा है, वहां उस दिन का प्रातःकालीन नक्षत्र को लिखकर उससे आगे के नक्षत्रों को क्रमशः २, ३, ४ आदि अंकों के स्थान पर लिखते हुए अभिजित् सहित २८ नक्षत्रों को चक्र में लिख लें।

27 नक्षत्र क्रमानुसार इस प्रकार हैं – अश्विन, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती।
Day pridiction
अब देखें की आपके नाम का नक्षत्र कहां है?
यदि वह चक्र के अन्दर (गोल घेरे में) है तो वह दिन सुख-शान्ति से व्यतीत होगा, उस दिन कोई शुभ समाचार मिलेगा। यदि नाम नक्षत्र चक्र के बाहर हो तो दिन का आधा भाग प्रसन्नता से बीते तथा शेषभाग में चिन्ता, दुःखशोक से चित्त खिन्न हो। यदि नामनक्षत्र त्रिशूल पर पड़े तो वह पूरा दिन विवाद, हानि, दुर्घटना आदि से चित्त की अशान्ति का कारण बने।

 

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