आर्थिक समृद्धि के लिए अनुभूत प्रयोग

१॰ सोमवार के दिन या दीपावली के दिन अशोक वृक्ष के पत्ता तोड़कर “ॐ नमो नारायणाय” जपते रहें। अशोक के पत्ते को गंगाजल से धोकर उसके ऊपर हल्दी दही मिलाकर अनामिका अंगुली से वर्ग बनाकर वर्ग के बीच में “ह्रीं” लिखें। अगले सोमवार को पत्ता किसी पवित्र जगह पर छोड़ दें। फिर अशोक का नया पत्ता लाकर प्रयोग को दोहरायें। यह प्रयोग २१ सोमवार तक करना है।

२॰ रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य या अन्य किसी शुभ मुहूर्त में ‘काली हल्दी’ की एक गांठ गल्ला या तिजोरी में रखें।
३॰ रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य या अन्य किसी शुभ मुहूर्त में चांदी की डिब्बी या अन्य किसी धातु की डिब्बी में नाग-केसर तथा शहद भर कर गल्ले या तिजोरी में रखें। इसे प्रत्येक गुरु-पुष्य या दीपावली पर दोहराते रहें।

४॰ घर में पाँच मोर-पँख रखें।

५॰ काले घोड़े की नाल U आकार में मुख्य द्वार के ऊपर लगावें।

६॰ तीन चीनी सिक्के लाल रंग के फीता में बाँधकर अंदर से घर के हैंडिल, तिजोरी या गल्ला एवं बटुए में रखें।

७॰ गुरु-पुष्य के दिन बरगद के पत्ते पर गंगाजल से धोकर हल्दी से स्वस्तिक बनायें, फिर पत्ते को धूप, अगरबत्ती दिखाकर पूजाघर में रखें। इस पत्ते को अगले गुरु-पुष्य में बदल दें।

८॰ ताम्रपत्र पर बना “ॐ”, “त्रिशुल” तथा स्वस्तिक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं।

९॰ मंगलवार के दिन लाल चन्दन, लाल गुलाब के फूल और रोली को लाल कपड़े में बाँधकर गल्ले या तिजोरी में रखें। इसे प्रत्येक ६ माह बाद दोहरायें।

१०॰ गेहूँ को शनिवार या सोमवार को ही पिसवायें। गेहूँ पिसवाते समय उसमें ११ पत्ते तुलसी तथा २ दाने केसर भी डाल दें।

११॰ पीपल वृक्ष की छाया में खड़े होकर लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी एवं दूध मिलाकर पीपल की जड़ में डालने से घर में सुख-समृद्धि रहती है।

१२॰ गुरुवार को मुख्यद्वार पर गुलाल छिड़क कर उस पर शुद्ध घी का दोमुखी दीपक जलाना चाहिए। दीपक के जलने बन्द हो जाने पर पानी में डाल देना चाहिए।

१३॰ शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को सफेद कपड़े के झंडे को पीपल वृक्ष पर लगाए।

१४॰ ११ गोमती चक्र को लकड़ी की डिब्बी में सिन्दूर के साथ गल्ले या तिजोरी में रखें। इसे प्रत्येक दीपावली पर दोहराए।

१५॰ मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों का तोरण लगाए।

१६॰ प्रातः उठकर मुख्य द्वार के पास एक गिलास पानी डालना सम्पन्नता प्रदान करता है।

१७॰ शनिवार को स्नान करके “ॐ नमो नारायणाय” जपते हुए डंठल सहित एक पीपल का पत्ता तोड़कर उसे गंगाजल से धोकर उस पर हल्दी तथा दही से वर्ग बनाकर उसमें “ह्रीं” लिखें। तथा उसे पूजा-स्थल पर ही रखा रहने दें। अगले शनिवार को प्रयोग पुनः दोहरायें तथा पुराना पत्ता किसी पवित्र स्थान पर छोड़ दें। ऐसा २० शनिवार तक करना है। २१वें शनिवार को उक्त प्रयोग दोहराकर धूप-बत्ती दिखाकर उस २१वें पत्ते को फ्रेमिंग करवाकर पूजा स्थान में रख दें।

१८॰ घर के मुख्य द्वार के ऊपर अन्दर तथा बाहर दोनों ओर दक्षिणावर्ती गणेशजी की मूर्ति या चित्र लगाए। साथ ही गणेश जी के बाँए लक्ष्मी का चित्र आर्थिक सम्पन्नता देता है।

१९॰ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को एक पोटली बनवाकर उसमें १ मोती शंख, ५ गोमती चक्र, ३ हकीक पत्थर, १ ताँबे का सिक्का तथा थोड़ी सी नागकेसर रखकर उसे लाल डोरे से बाँधकर व्यापारिक प्रतिष्ठान में रखें।

२०॰ भोजन हमेशा उत्तर-मुख बैठकर करें।

२१॰ प्रत्येक रविवार गाय को गुड़ खिलाए।

२२॰ घर में रोज नमक डालकर पोंछा लगाए।

Lakshmi
२३॰ घर के प्रत्येक द्वार पर लक्ष्मीजी का चित्र, जिसके दोनों ओर से हाथी फूल चढ़ाता हुआ दिखाई दे, लगाए।

Please follow and like us:
Pin Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.