January 15, 2016 | aspundir | Leave a comment किसान बन्धुओं के लिए मन्त्र उत्तम खेती के लिए मन्त्र मन्त्रः- “ॐ नमो आदेश । गुरु जी को आदेश । आनिल देवी । आगच्छ आगच्छ । साईं गोरखनाथ की द्वाही । शुरू की शक्ति, मेरी भक्ति । चले मन्त्र, ईश्वरी वाचा । गुरू गोरख- नाथ फा शब्द सच्चा ।।” विधि – (1) किसी भी शुभ मुहूर्त पर श्वेत गुञ्जा की जड़ प्राप्त कर, उसके है ९ भाग करे । प्रत्येक पर उक्त मन्त्र का १०८ जप करे । साथ ही नव – नाथ – जप भी करे । ‘‘सत् नमो आदेश ! ॐ गुरु जी, सत्य का आसन, सत्य का सुत, सत्य का बाणा, रक्षा करे श्रीशम्भु जती । गुरु गोरखनाथ जी, अवधूत सोई, कष्टी सोहं, माला सोहं, सुरती ध्यान लगाए । श्रीनाथ जी गुरु जी को आदेश-आदेश ! सत् नमो आदेश, गुरु जी को आदेश ! ॐ गुरु जी, ॐ-कार आदि-नाथ, ॐ-कार-स्वरूप बोलिए । उदयनाथ पार-बती धरित्री-स्वरूप बोलिए । सत्यनाथ जी ब्रह्म जी जल- स्वरूप बोलिए । सन्तोषनाथ विष्णु खडङ्ग खण्डा तेज- स्वरूप बोलिए ! आचम्ब आचम्बली आकाश – स्वरूप बोलिए । गजबेली गजं कथडनाथ जी गणेश हस्ती- स्वरूप बोलिए । ज्ञान-पारखी सिद्ध चौरङ्गी-नाथ जी अठराभार वनस्पती-स्वरूप बोलिए । माया-रूपी दादा मच्छिन्द्रनाथ जी माया-स्वरूप बोलिए । थडे पिण्डे, नव-निरन्तरे, रक्षा करे श्रीशम्भु जती । गुरू गोरक्षनाथ जी बाल – स्वरूप बोले । इतना नवनाथ-नाम-जप सम्पूर्ण भया । नाथ जी गुरु जी को आदेश-आदेश ।।” निम्न नव-नाथ-मन्त्र का जप भी कर सकते हैं- “गोरक्ष-जालन्दर-चर्पटाश्च, अडबङ्ग-कानिफ-मच्छिन्द्र-आद्या: । चौरङ्गी-रेवाणक-भर्त्रि-संज्ञा, भूम्यां बभूवुर्नव-नाथ-सिद्धा: ।।” अब सभी अभिमन्त्रित जड़ लेकर खेत में जाए । खेत के मध्य में एक जड़ गाड़ दे । फिर पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर, आग्नेय, नैऋत्य, वायव्य, ईशान आदि दिशाओं में भी एक-एक जड़ गाड़े । कुछ समय शान्त बैठकर नव-नाथों से प्रार्थना करे कि –”जीव-ब्रह्म-सेवा हेतु इस साल इस खेत में फसल अच्छी हो, बहुत हो । इस साल किसी भी प्रकार से अकाल, अवर्षण न हो । किसी भी प्रकार से फसल का नुक- सान न हो ।” श्रावण मास में ‘श्रीनव-नाथ-भक्तिसार’ का पारायण करे । ‘नव – नाथ’ की कृपा अवश्य होगी । इस प्रकार हर साल उक्त मन्त्रानुष्ठान तथा पारायण करो । खेती में अवश्य उन्नति होगी । विधि – (2) श्वेत गुन्जा की जड़ पर उक्त मन्त्र २१ बार पड़े । इस जड़ को पानी में एक दिन रखे । यही जल ले जाकर खेत में सर्वत्र छिड़के । जड़ को घर में ही रखे । ‘नव – नाथ’ की कृपा से खेती उत्तम होगी । Related