गौ-रक्षक अर्जुन नामावली
अर्जुनः फाल्गुनी जिष्णुः, किरीटी श्वेत-वाहनः ।
वीभत्सुर्विजयी पार्थः, सव्यसाची धनञ्जयः ।।
कपि-ध्वजो गुडाकेशो, गाण्डीवो कृष्ण-सारथिः ।।
एतान्यर्जुन-नामानि, गवां गोष्ठे च यो लिखेत् ।
न तत्र पशु-रोगादि, शुभं शीघ्रं प्रजायते ।।

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अर्जुन, फाल्गुनी, जिष्णु, किरीटी, श्वेत-वाहन, वीभत्सु, विजयी, पार्थ, सव्य-साची, धनञ्जय, कपि-ध्वज, गुडाकेश, गाण्डीव और कृष्ण-सारथी – अर्जुन के ये नाम गौ-शाला में लिखने से पशुओं को किसी प्रकार के रोग नहीं होते तथा शीघ्र ही शुभ होता है । यदि पहले से पशुओं को रोग आदि हो, तो वे जल्दी ठीक हो जाते हैं ।
विधिः- इन नामों को गौ-शाला की दीवारों पर ‘गेरु’ से लिखना चाहिए । ‘भोज-पत्र’ पर लिखकर पशुओं के गले में पहनाना भी उत्तम होता है ।

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