January 2, 2016 | aspundir | 3 Comments ग्राम-मोहन-मन्त्र – मन्त्रः- ”जल – जल – जीवन – दाता जल । जल के राजा कूप, जहाँ बसे वरुण भूप ।। दोहाई कामाख्या की, मोहनी चला दे । भूप को फँसा कूप में, माया फैला दे ।। तेरी महिमा महान, रख ले सतगुरु की आन ।। ॐ नमः कामाक्षाय अं कं बं टं तं पं वं शं हीं क्रीं श्रीं फट् स्वाहा ।।” विधि : शुक्ला एकादशी की अर्द्ध-रात्रि में किसी कुएँ के पास सवा सेर शक्कर (चीनी) लेकर जाए और पूर्व की ओर मुख कर उल्लू के पङ्ख पर पाँव रखकर बैठे । १०८ बार उक्त मन्त्र पढ़ कर शक्कर को कुएँ में डाल दे । जितने नर-नारी उस कुएँ का जल पिएंगे, सभी जप – कर्ता पर मोहित होकर उसकी आज्ञा से प्राण तक देने के लिए सदा तैयार रहेंगे । Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe
panditjee kamaksha mantra ka kanyer yakshini mantra mere email par bejiye panditjee aap ke prtiksha may pavan Reply
Please, Post the sanskrit in hindi or english version as well to understand. For ex : phalasruti Reply