January 26, 2019 | Leave a comment चोरी न होने का मन्त्र विधिः— उक्त मन्त्र स्वयंसिद्ध है । इसको सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है । रात को सोते समय केवल एक बार उक्त मन्त्र का सस्वर उच्चारण करने से घर में चोर प्रवेश नहीं कर सकते । यदि चोर आएँगे भी, तो बिना कुछ लिए चले जाएंगे । विशेष — कहीं-कहीं पहली पंक्ति को कम करके अन्त में जोड़ कर भी यह मन्त्र मिलता है । — ॥ मन्त्र ॥ — “कफल्लकः कफल्लकः कफल्लकः । जले रक्षतु वाराहः, स्थले रक्षतु वामनः । अटव्यां नारसिंहश्च, सर्वतः पातु केशवः । जले रक्षतु नन्दीशः, स्थले रक्षतु भैरवः । अटव्यां वीरभद्रश्च, सर्वतः पातु शङ्करः । अर्जुनः फाल्गुनो विष्णुः, किरीटी श्वेतवाहनः । बीभत्सु विजयः कृष्णः, सव्यसाची धनजयः । त्रिस्रो भार्याः कफल्लस्य, दाहिनी मोहिनी सती । तासां स्मरणमात्रेण, चोरो गच्छति निष्फलः ।” Related