दरगाह-सिद्धि का शाबर मन्त्र

विधि — आपत्ति, कष्ट, आपदा, विपदा, उपद्रव, बाधा, पीड़ा, तनाव – पूर्ण – स्थिति या धर्म-सङ्कट से बचने का कोई मार्ग न मिल रहा हो, तब इस ‘प्रयोग’ से ईप्सित शान्ति प्राप्त होती है । कई लोगों ने इस प्रयोग से अपने कष्टों का निवारण किया है ।

किसी भी पाक-साफ बुजुर्ग की कब्र के पास जाकर, उसके पाँव के पास खड़े रहें और उक्त मन्त्र का १०५० बार जप करें । ‘जप’ के पहले ७ बार ‘अजान’ पढ़े या धीरे – धीरे बाँग पुकारे । बाद में कष्ट-निवारण हेतु मन – ही – मन सङ्कल्प कर मन्त्र का जप करे । ऐसी जगह देखे, जहाँ कोई न आए – जाए । ‘जप’ अकेले दिन में या रात में, एक नियत समय पर ही करे ।

तीन दिन ऐसा करने से, बुजुर्ग (वयो-वृद्ध) आत्मा की कृपा से सब दुःख दूर हो जाएंगे । सभी कष्टों या आपत्तियों का निवारण हो जाएगा । सभी समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा और निश्चित ढङ्ग से सलामत, पूर्व-वत् नया जीवन प्राप्त होगा । ‘प्रयोग’ – काल में घबराएँ नहीं, ‘प्रयोग’ चालू रक्खें । जिसकी प्रार्थना करेंगे, वही संरक्षक बनेगा । विश्वास रक्खें, आप उसको देख नहीं रहे हैं लेकिन वह आपके पास है और वह आपको देख रहा है, सुन भी रहा है ।

मन्त्रः—
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