दरिया देव की कृपा
मन्त्रः- “पहिले नाम भगवान् का । दूजे नाम औतार का । तिजे नाम सत्-गुरु, जिनका नाम स्वामी जी । उनकी कृपा और उनकी दया । इस ख्वाजा-खिदर पूजने के लिए परसाद लेकर आया । लोना चमारी दिरन्त की दुहाई । वैष्णो शाकुम्बरा और औतार पीर और पैगम्बर — इन सबकी दया के साथ दरिया के किनारे, जिससे की हमारी आत्मा ठण्डी । लोना चमारी, दुहाई । वस्तग फेरुल युसूफ की तरह, भूरे देव की तरह, सत्यनारायण की तरह मैंने भी पैर बढ़ाया । लोना चमारी की दुहाई । हरी-हरी, शिव-शिव, जयन्ती माता ।।”

vadicjagat
विधिः- किसी भी दिन सायं, ठीक साढे ६ बजे एक पान, दो लौंग, सात बताशे लेकर दरिया (नदी) के तट पर जाकर मन्त्र १०८ बार पढ़े । उसके पश्चात् प्रसाद को जल में प्रवाहित कर दे । एक सप्ताह तक ऐसा करे, तो रुके कार्य पूरे हों । दरिया देव की कृपा मिले ।

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