December 31, 2015 | aspundir | 2 Comments धन-प्राप्ति के लिए प्रभावी ‘शाबर’-मन्त्र ‘शाबर-मन्त्र-साधना’ में धन – प्राप्ति के लिए प्रभावी मन्त्र इस प्रकार है – १॰ “ॐ श्रैं ह्रीं श्रीं श्रिये नमो भनवलि ! मम समृध्यौ जवल जवल, मा सर्व सम्पद देहि, ममालक्ष्मी नाशय नाराय, हुँ फट्र स्वाहा” विधि : उक्त मन्त्र को उपयुंक्त विधि से २१ माला २१ दिनों तक नित्य जपे । २१ दिन तक मन्त्र जप करने के बाद धृत से १०८ आहुतियां दे । इससे मन्त्र सिद्ध हो जाएगा । इसके बाद नित्य एक माला ‘जप’ करने से धन-धान्य की वृद्धि होती रहेगी । २॰ “कुबेर ! त्वं धनाधीश, गृहे ते कमला स्थिता, ता देवी प्रशयाशुं, त्वं मद गृहे ते नमो नमः ।।” विधि : उक्त मन्त्र का २१ दिनों तक नित्य ९ माला जप करे । इस प्रकार मन्त्र-जाग्रत करने के बाद गो-धृत, दूर्वा (दूब) और पुष्प से १०८ आहुतियाँ दे । इससे दरिद्रता दूर होगी । ३॰ “ॐ तारत्रि नमः । ऋद्धि-वृद्धि कुरु-कुरु स्वाहा ।” विधि : पवित्र भाव से रात्रि के १२ बजे के बाद (मध्य-रात्रि में), धूप-दीप जलाकर उक्त मन्त्र का ११८८ बार जप करे । ऐसा २१ दिनों तक करे । इस मन्त्र से शीघ्र प्रगति होती है और अनायास धन की प्राप्ति होती है । ‘ग्रहण-काल’ में घृत-दूर्वा-काली मिर्च-जटामांसी मिलाकर १०८ आहुतियाँ दे । नित्य १ माला ‘जप’ करता रहे । ४॰ “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सं सिद्धिदा ! साधय साधय स्वाहा ।” विधि : पूर्वोक्त विधि । यह मन्त्र ऋण – मुक्ति हेतु विशेषतया लाभ-कारी है । ५॰ “आं ह्रीं क्रौं श्रीं श्रियै नमः । ममालक्ष्मी नाशय नाशय । माम ऋणौतीर्ण कुरु कुरु, सम्पदं वर्धय वर्धय, स्वाहा ।” विधि : उक्त मन्त्र की जप-संख्या दश हजार है । ४४ दिनों का अनुष्ठान है । नित्य २२८ बार ४३ दिनों तक ‘जप’ करे और ४४ वें दिन १८६ बार ‘जप’ करे । बाद में नित्य दस बार मन्त्र जपता रहे । इससे धन-सम्पदा की प्राप्ति होती है और ऋणों से निवृत्ति होती है । Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe
४॰ “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सं सिद्धिदा ! साधय साधय स्वाहा ।” विधि : पूर्वोक्त विधि । यह मन्त्र ऋण – मुक्ति हेतु विशेषतया लाभ-कारी है । पूर्वोक्त विधि मतलब क्या है? और इस मंत्र का कितनी बार और कीस समय जाप करना चाहिये ? कृपया बताये… Reply