फूल मोहन शाबर मन्त्र

मन्त्र (१) —

 “ॐ नमो कामरू देश कामाक्षा देवी, तहाँ बसे इस्माइल जोगी । इस्माइल जोगी ने लगाई फुलवारी, फूल बीने लोना चमारी, जो इस पुल की सूँघे बास, तीसका जीव हमारे पास । घर छोड़े आंगन छोड़े, लोक-कुटुम्ब की लज्जा छोड़े । दुहाई लोना चमारों की । दुहाई धनवन्तरी की, छू …….।”

विधिः- २१ दिनों तक नित्य १४१ बार उक्त मन्त्र जपे । पहले स्वच्छ कमरे में लोबान की धूनी जला कर जपे । नैवेद्य में मदिरा या मद्य चढ़ाए । फिर मन्त्र का जप करे । बाद में भी मन्त्र का सतत जप करता रहे । बाद में जब आवश्यकता हो, तब किसी सुगन्धित फूल को ७ बार मन्त्र से अभिमन्त्रित कर फूँक लगाकर अभीष्ट व्यक्ति को सुंघाए । इससे व्यक्ति मोहित होगा और उस से जो कार्य लेना हो, वह लेकर उसे छोड़ दे क्योंकि यह प्रयोग अल्पकालीन है ।

मन्त्र (२) —

 “ॐ मूठी माता, मूठी रानी, गूठीं लगावे आग । अमुकी कै चटक लगाय, बेधड़क कलह मचावें । मुख न बोले, सुख न सोबे, कहत मन्त्र उठाय । मारयौ उरझै, क्यों काचा सूत की आटी उरझै, अब देख नारसिंह वीर ! तेरे मन्त्र की शक्ति । शब्द साँचा, पिण्ड काचा । फुरो मन्त्र , ईश्वरो वाचा ।”

विधिः- शनिवार को सायंकाल कनेर के पास जाकर फूलों वाली टहनी में लाल रंग का डोरा बाँधे और उसे न्योता दे । फिर रविवार को सूर्योदय के पहले डोरे वाली टहनी को तोड़कर घर लाए । घर में एक लकड़ी के पाटे के ऊपर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर उसे स्थापित करे । रात्रि में वहाँ दीपक जलाए और धूप करे । दीपक के सामने बैठकर उक्त मन्त्र का १२१ बार ‘जप’ करे । ऐसा करने से मन्त्र की सिद्धि होती है । बाद में जब आवश्यकता पड़े, तब उसी पेड़ के पास जाए और लाल कनेर का फूल लाए । लाल फूल के ऊपर २१ बार उक्त मन्त्र पढ़कर फूँक मारे । यह फूल जिसको भेंट में दिया जाएगा, वह मोहित होगा । साध्य से जो कार्य लेना हो, वह लेकर उसे छोड़ दे क्योंकि प्रयोग का प्रभाव अल्पकालिक होता है ।

विशेषः- दोनों मन्त्रों को ग्रहण’काल में अवश्य जपे । इससे मन्त्र का प्रभाव दीर्घकालीन होता है ।

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