फूल-मोहिनी-मन्त्र
मन्त्रः-
“ॐ नमो आदेश गुरु को । एक फूल, फूल भर दोना, चौंसठ जोगनी ने मिल किया टोना । फूल-फूल वह फूल न जानी, हनुमन्त वीर घेर-घेर दे आनी । जो सूँघे इस फूल की बास, उसका जी प्राण रहे हमारी पास । सूती होय, तो जगाइ लाव, बैठी होय, तो उठाइ लाव । और देखे, जरे-बरे । मोहे देख, मेरे पायन परे । मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति । फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा । वाचा वाची से टरे, कुम्भी नरक में परे ।”

प्रयोग एवं विधिः- अच्छी तरह से जले, उतने प्रमाण से एक घी का दिया जलाए । दीप का विधिवत् पूजन करें । नित्य मन्त्र का 114 बार ‘जप’ करे । इस प्रकार 21 दिन तक करने से मन्त्र सिद्ध होगा । बाद में सोमवार के दिन इस मन्त्र को किसी भी फूल पर 21 बार पढ़कर फूँके । फूँकने के बाद साध्य को सुँघावे या सूँघने को दे ।
साध्य मन-ही-मन, आपके प्रति मोहित होगा । अच्छे कार्यों में इस ‘मन्त्र’ का प्रयोग करें । बाद में प्रयोग छोड़ दें, केवल मन्त्र का स्मरण करता रहे । आवश्यकता पड़ने पर ही ‘प्रयोग’ करे, अन्यथा सिद्धि गायब हो जाएगी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.