May 14, 2019 | aspundir | Leave a comment भगवान् नृसिंह के चमत्कारी मन्त्र भगवान् विष्णु के अवतारों में भगवान् नृसिंह की उपासना भीषण संकट के निवारण, शत्रु विनाश और आत्मरक्षा, कार्यों में सफलता, लक्ष्मी प्राप्ति आदि के उद्देश्य से की जाती है । शास्त्रों में भगवान् नृसिंह के अनेक मन्त्र दिए गए हैं । उनमें से कतिपय मन्त्र यहाँ प्रस्तुत हैं । 1. एकाक्षर नृसिंह मन्त्र : ‘क्ष्रौं ।’ 2. त्र्यक्षरी नृसिंह मन्त्र : ॐ क्ष्रौं ॐ 3. षडक्षर नृसिंह मन्त्र : ‘आं ह्रीं क्ष्रौं क्रौं हुं फट्।’ 4. अष्टाक्षर नृसिंह : ‘जय जय श्रीनृसिंह।’ 5. आठ अक्षरी लक्ष्मी नृसिंह मन्त्र : ॐ श्री लक्ष्मी-नृसिंहाय। 6. दस अक्षरी नृसिंह मन्त्र : ॐ क्ष्रौं महा-नृसिंहाय नमः। 7. तेरह अक्षरी नृसिंह मन्त्र : ॐ क्ष्रौं नमो भगवते नरसिंहाय।’ 8. उनतीस अक्षरी सुदर्शन नृसिंह मन्त्र : ॐ सहस्रार-ज्वाला-वर्तिने क्ष्रौं हन हन हुं फट् स्वाहा। 9. बत्तीस अक्षरी नृसिंह मन्त्र : ‘उग्रं वीरं महा-विष्णु ज्वलन्तं सर्वतोमुख । नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्यु-मृत्यु नमाम्यहं।’ 10. तैंतीस अक्षरी लक्ष्मी-नृसिंह मन्त्र : ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं जय लक्ष्मी-प्रियाय नित्य-प्रमुदित चेतसे लक्ष्मी-श्रितार्ध-देहाय श्रीं ह्रीं श्रीं नमः।’ 11. चौंतीस अक्षरी नृसिंह मन्त्र : ‘ह्रीं उग्रं वीरं महा-विष्णु ज्वलन्तं सर्वतोमुखं नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्यु-मृत्यु नमाम्यहं ह्रीं ।’ 12. बासठ अक्षरी नृसिंह मन्त्र : ‘ॐ नमो भगवते नर-सिंहाय, नमस्तेजस्-तेजसे आविराविर्भव वज्रनख वज्र-दंष्ट्र-कर्माशयान्, रन्धय रन्धय तमो ग्रस ग्रस स्वाहा अभयं-आत्मनि-भूयिष्ठा ॐ क्ष्रौं ।‘ (भा॰पु॰, स्क॰५,अ॰१८,श्लो॰८) 13. अड़सठ अक्षरी ज्वाला-माला नृसिंह मन्त्र : ॐ क्ष्रौं नमो भगवते नारसिंहाय ज्वाला-मालिने दीप्त-दंष्ट्राय अग्नि-नेत्राय सर्व-रक्षोघ्नाय सर्व-भूत-विनाशनाय सर्व-घोर-विनाशनाय दह दह पच पच रक्ष रक्ष हुं फट् स्वाहा ।’ 14. दशावतार नृसिंह मन्त्र : ‘ॐ क्ष्रौं नमो भगवते नरसिंहाय, ॐ क्ष्रौं मत्स्यरूपाय, ॐ क्ष्रौं कूर्मरूपाय, ॐ क्ष्रौं वराहरूपाय, ॐ क्ष्रौं नृसिंहरूपाय, ॐ क्ष्रौं वामनरूपाय, ॐ क्ष्रौं ॐ क्ष्रौं ॐ क्ष्रौं रामाय, ॐ क्ष्रौं कृष्णाय, ॐ क्ष्रौं कल्किने, जय जय शालग्राम-निवासिने दिव्य-सिंहाय स्वयंभुवे पुरुषाय नमः ॐ क्ष्रौं ।।’ 15. नृसिंह गायत्री (प्रथम) : ‘ॐ उग्र-नृसिंहाय विद्महे, वज्र-नखाय धीमहि । तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात् ।।’ 16. नृसिंह गायत्री (द्वितीय) : ‘ॐ वज्र-नखाय विद्महे, तीक्ष्ण-द्रष्टाय धीमहि । तन्नो नारसिंहः प्रचोदयात् ।।’ 17. संकटमोचन नृसिंह मंत्र :- ‘ॐ नृ नृसिंहाय शत्रु भुजबल विदिर्णाय स्वाहा ।।’ 18. संकटनाशन नृसिंह मन्त्र : ‘ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥ ॐ नृं नृं नृं नृसिंहाय नमः ।’ तन्त्र ग्रन्थों में काम्यप्रयोग के अनुरूप इनके विभिन्न प्रकार से जप का उल्लेख किया गया है। Related