August 24, 2019 | aspundir | Leave a comment भगवान् श्रीकृष्ण की शरणागति और उनका आश्रय प्राप्त करने हेतु मन्त्रों की भाँति ही यन्त्र भी बड़े प्रभावशाली होते हैं । कुछ यन्त्रों के साथ मन्त्र भी होते हैं और कुछ केवल अङ्कात्मक यन्त्र होते हैं । विभिन्न यन्त्र, विभिन्न कार्यों की सिद्धि और रोगनिवृत्ति आदि के लिये काम में लाये जाते हैं । प्रत्येक यन्त्र साधारणतया भोजपत्र पर अष्टगन्ध से लिखकर, ताँबे के ताबीज में भरकर, गुग्गुल का धूप देकर स्त्रियों के बायें हाथ या गले में एवं पुरुषों के दाहिने हाथ या गले में बाँधा जाता है । मन्त्रात्मक यन्त्र हो तो चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय मन्त्र का कम-से-कम १०८ बार जप करके यन्त्र का पूजन कर लेना चाहिये । केवल यन्त्र हो तो उसका पूजनमात्र कर लेना चाहिये । विश्वासपूर्वक इनका सेवन करने से लाभ होता है । यहाँ ऐसा ही एक यन्त्र प्रस्तुत है — भगवान् श्रीकृष्ण की शरणागति और उनका आश्रय प्राप्त करने के लिये विश्वासपूर्वक नीचे लिखे बीसा यन्त्र का पंचोपचार से पूजन करके प्रतिदिन ‘श्रीकृष्णः शरणं मम’ इस मन्त्र की (१०८ तुलसी के दानों की) ५ माला श्रद्धा भक्तिपूर्वक जप करे । यह बीसा यन्त्र ताँबे के पत्तर पर खुदवाकर श्रीगंगाजी या श्रीयमुनाजी के जल से धोकर धूप देकर पूजा में रखे । Related