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भण्डार अक्षय करने के लिए
मन्त्र :-
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ईश्वर – ध्यानम् । अन्नपूर्णायै नमः । ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ह्रीं ह्रीं हुङ्कली कुरु स्वामिनी जय विजय अप्रतिम-चके मम कर्षय सिद्धिं कुरु कुरु स्वाहा ।”

om, ॐ
विधि :- उक्त मन्त्र १०८ बार जपकर भोज-पत्र पर अनार की कलम से अष्ट-गन्ध की स्याही बनाकर लिख लें और उसे खाद्य-वस्तु के भण्डार में या बक्से में डाल दे । धन अक्षय बना रहेगा ।

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