January 3, 2019 | aspundir | Leave a comment भविष्यपुराण – उत्तरपर्व – अध्याय ३० ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (उत्तरपर्व) अध्याय ३० अक्षय-तृतीया व्रत के प्रसंग में धर्म वणिक् का चरित्र भगवान् श्रीकृष्ण बोले — महाराज ! अब आप वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अक्षय-तृतीया की कथा सुने । इस दिन स्नान, दान, जप, होम, स्वाध्याय, तर्पण आदि जो भी कर्म किये जाते हैं, वे सब अक्षय हो जाते हैं । सत्ययुग का आरम्भ भी इसी तिथि को हुआ था, इसलिये उसे कृतयुगादि तृतीया भी कहते हैं । यह सम्पूर्ण पापों का नाश करनेवाली एवं सभी सुखों को प्रदान करनेवाली हैं । इस सम्बन्ध में एक आख्यान प्रसिद्ध है, आप उसे सुने — शाकल नगर में प्रिय और सत्यवादी, देवता और ब्राह्मणों का पूजक धर्म नामक एक धर्मात्मा वणिक् रहता था । उसने एक दिन कथाप्रसंग में सुना कि यदि वैशाख शुक्ल की तृतीया रोहिणी नक्षत्र एवं बुधवार से युक्त हो तो उस दिन का दिया हुआ दान अक्षय हो जाता है । यह सुनकर उसने अक्षय तृतीया के दिन गंगा में अपने पितरों का तर्पण किया और घर आकर जल और अन्न से पूर्ण घट, सत्तू, दही, चना, गेहूँ, गुड़, ईख, खाँड़ और सुवर्ण श्रद्धापूर्वक ब्राह्मणों को दान दिया । कुटुम्ब में आसक्त रहनेवाली उसकी स्त्री उसे बार-बार रोकती थी, किन्तु वह अक्षय तृतीया को अवश्य ही दान करता था । कुछ समय के बाद उसका देहान्त हो गया । अगले जन्म में उसका जन्म कुशावती (द्वारका) नगरी में हुआ और वह वहाँ का राजा बना । दान के प्रभाव से उसके ऐश्वर्य और धन की कोई सीमा न थी । उसने पुनः बड़ी-बड़ी दक्षिणा वाले यज्ञ किये । वह ब्राह्मणों को गौ, भूमि, सुवर्ण आदि देता रहता और दीन-दुखियों को भी संतुष्ट करता, किन्तु उसके धन का कभी ह्रास नहीं होता । यह उसके पूर्वजन्म में अक्षय तृतीया के दिन दान देने का फल था । महाराज ! इस तृतीया का फल अक्षय है । अब इस व्रत का विधान सुने — सभी रस, अन्न, शहद, जल से भरे घड़े, तरह-तरह के फल, जूता आदि तथा ग्रीष्म ऋतु में उपयुक्त सामग्री, अन्न, गौ, भूमि, सुवर्ण, वस्त्र जो पदार्थ अपने को प्रिय और उत्तम लगे, उन्हें ब्राह्मणों को देना चाहिये । यह अतिशय रहस्य की बात मैंने आपको बतलायी । इस तिथि में किये गये कर्म का क्षय नहीं होता, इसीलिये मुनियों ने इसका नाम अक्षय-तृतीया रखा हैं । (अध्याय ३०) Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe