January 7, 2019 | aspundir | Leave a comment भविष्यपुराण – उत्तरपर्व – अध्याय ७७ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (उत्तरपर्व) अध्याय ७७ सम्प्राप्ति-द्वादशी व्रत भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा — पौष मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी से ज्येष्ठ मास की द्वादशी तक प्रत्येक मास की कृष्ण द्वादशी को षाण्मासिक सम्प्राप्ति-द्वादशी-व्रत किया जाता है । प्रत्येक मास में क्रमशः पुण्डरीकाक्ष, माधव, विश्वरूप, पुरुषोत्तम, अच्युत तथा जय — इन नामों से उपवासपूर्वक भगवान् की पूजा करनी चाहिये । पुनः आषाढ़ कृष्ण द्वादशी से व्रत ग्रहणकर मार्गशीर्ष तक व्रत का नियम लेना चाहिये । पूर्वविधान से उपवासपूर्वक उन्हीं नामों से क्रमशः भगवान् का पूजन करना चाहिये । प्रतिमास ब्राह्मण को भोजन कराकर दक्षिणा देनी चाहिये । तेल एवं क्षार पदार्थ नहीं ग्रहण करने चाहिये । इस प्रकार एक वर्ष तक इस व्रत के करने से सभी कामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं और अन्त में वह भगवान् के अनुग्रह से उनके लोक को प्राप्त कर लेता है । (अध्याय ७७) Related