December 28, 2018 | Leave a comment भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ३४ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — द्वितीय भाग) अध्याय – ३४ श्रीदुर्गासप्तशती के मध्यमचरित्र का माहात्म (कात्यायन तथा मगध के राजा महानंद की कथा) सूतजी बोले — शौनक ! उज्जयिनी नगरी में एक हिंसापरायण मद्य-मांस-भक्षी भीमवर्मा नाम का क्षत्रिय रहता था । वह अतिशय हिंसा एवं अधर्माचरण के कारण भयंकर व्याधियों से ग्रस्त हो गया और युवावस्था में ही उसकी मृत्यु हो गयी । संयोगवश उसने कभी चण्डीपाठ भी कराया था । जिसके पुण्य के प्रभाव से इतना निकृष्ट पापी भी नरक में नहीं गया । दुसरे जन्म में वही राजनीतिपरायण मगध का विख्यात राजा महानन्द हुआ और उसे अपने पूर्वजन्म की पूरी स्मृति थी । अतिशय समर्थ बुद्धिमान् कात्यायन (वररुचि) का वह शिष्य हुआ । देवी महालक्ष्मी के बीजसहित मध्यम चरित्रका राजा महानन्द को उपदेश देकर कात्यायन स्वयं विन्ध्यपर्वतपर शक्ति-उपासना के लिये चले गये । इधर राजा भी प्रतिदिन महालक्ष्मी की कस्तुरी, चन्दन आदिसे पूजा कर श्रीदुर्गासप्तशती के मध्यम चरित्र का पाठ करने लगा । बारह वर्ष व्यतीत होनेपर शक्ति की उपासना करनेवाले कात्यायन पुनः अपने शिष्य महानन्द के पास आये और उन्होंने राजा से विधिपूर्वक लक्षचण्डीपाठ करवाया । फलस्वरूप सनातनी भगवती महालक्ष्मी प्रकट हुई और राजा को धर्म, अर्थ, कामसहित मोक्ष भी दे दिया । इस प्रकार महाभाग महानन्द ने देवों के समान अभीष्ट फलों का उपभोग कर अन्त में देवताओं से नमस्कृत हो परम लोक को प्राप्त किया । (अध्याय ३४) See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१६ 2. भविष्यपुराण – मध्यमपर्व प्रथम – अध्याय १९ से २१ 3. भविष्यपुराण – मध्यमपर्व द्वितीय – अध्याय १९ से २१ 4. भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय – अध्याय २० 5. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ७ 6. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १ 7. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २ 8. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ३ 9. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ४ 10. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ५ 11. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ६ 12. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ७ 13. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ८ 14. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ९ 15. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १० 16. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ११ 17. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १२ 18. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १३ 19. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १४ 20. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १५ 21. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १६ 22. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १७ 23. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १८ 24. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १९ 25. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २० 26. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २१ 27. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २२ 28. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २३ 29. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २४ 30. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २५ 31. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २६ 32. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २७ 33. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २८ 34. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २९ 35. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ३० 36. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ३१ 37. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ३२ 38. भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ३३ Related