ॐ श्रीपरमात्मने नमः
श्रीगणेशाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
भविष्यपुराण
(ब्राह्मपर्व)
अध्याय – २८
स्त्रियों के शुभाशुभ- लक्षण

ब्रह्माजी बोले – कार्तिकेय ! स्त्रियों के जो लक्षण मैंने पहले नारदजी को बतलाये थे, उन्हीं शुभाशुभ-लक्षणों को बताता हूँ । आप सावधान होकर सुनें –
शुभ मुहूर्त में कन्या के हाथ, पैर, अँगुली, नख, हाथ की रेखा, जंघा, कटि, नाभि, ऊरु, पेट, पीठ, भुजा, कान, जिह्वा, ओठ, दाँत, कपोल, गला, नेत्र, नासिका, ललाट, सिर, केश, स्वर, वर्ण और भौंरी – इन सबके लक्षण देखे ।om, ॐ
जिसकी ग्रीवा में रेखा हो और नेत्रों का प्रान्त भाग कुछ लाल हो, वह स्त्री जिस घर में जाती है, उस घर की प्रतिदिन वृद्धि होती है । जिसके ललाट में त्रिशूल का चिह्न होता हैं, वह कई हजार दासियों की स्वामिनी होती है । जिस स्त्री की राजहंस के समान गति, मृग के समान नेत्र, मृग के समान ही शरीर का वर्ण, दाँत बराबर और श्वेत होते हैं, वह उत्तम स्त्री होती हैं । मेढक के समान कुक्षिवाली एक ही पुत्र उत्पन्न करती है और वह पुत्र राजा होता है । हंस के समान मृदु वचन बोलनेवाली, शहद के समान पिङ्गल वर्णवाली स्त्री धन-धान्य से सम्पन्न होती है, उसे आठ पुत्र होते हैं । जिस स्त्री के लम्बे कान, सुन्दर नाक और भौंह धनुष के समान टेढ़ी होती है, वह अतिशय सुख का भोग करती है । तन्वी (दुबले पतले और कोमल अंगोंवाली ।), श्यामवर्णा, मधुर भाषिणी, शङ्ख के समान अतिशय स्वच्छ दाँतोवाली, स्निग्ध अङ्गों से समन्वित स्त्री अतिशय ऐश्वर्य को प्राप्त करती है । विस्तीर्ण जंघाओं वाली, वेदी के समान मध्यभाग वाली, विशाल नेत्रों वाली स्त्री रानी होती है ।
जिस स्त्री के वाम स्तन पर, हाथ में, कान के ऊपर या गले पर तिल अथवा मसा होता है, उस स्त्री को प्रथम पुत्र उत्पन्न होता है । जिस स्त्री का पैर रक्तवर्ण हो, ठेहुने (घुटना) बहुत ऊँचे न हों, छोटी एड़ी हो, परस्पर मिली हुई सुंदर अँगुलियाँ हों, लाल नेत्र हों – ऐसी स्त्री अत्यन्त सुख भोग करती है । जिसके पैर बड़े-बड़े हो, सभी अङ्गों में रोम हो, छोटे और मोटे हाथ हो, वह दासी होती है । जिस स्त्री के पैर उत्कट हों, मुख विकृत हो, ऊपर के ओठ के ऊपर रोम हो वह शीघ्र अपने पति को मार देती है ।
जो स्त्री पवित्र, पतिव्रता, देवता, गुरु और ब्राह्मणों की भक्त होती है, वह मानुषी कहलाती है । नित्य स्नान करनेवाली, सुगन्धित द्रव्य लगनेवाली, मधुर वचन बोलनेवाली, थोडा खानेवाली, कम सोनेवाली और सदा पवित्र रहनेवाली स्त्री देवता होती हैं । गुप्तरूप से पाप करनेवाली, अपने पाप को छिपानेवाली, अपने हृदय के अभिप्राय को किसी के आगे प्रकट न करनेवाली स्त्री मार्जारी-संज्ञक होती है । कभी हँसनेवाली, कभी क्रीड़ा करनेवाली, कभी प्रसन्न रहनेवाली तथा पुरुषों के मध्य रहनेवाली स्त्री गर्दभी-श्रेणी की होती है । पति और बान्धवों के द्वारा कहे गये हितकारी वचन को न माननेवाली, अपनी इच्छा के अनुसार विहार करनेवाली स्त्री आसुरी कही जाती है । बहुत खानेवाली, बहुत बोलनेवाली, खोटे वचन बोलनेवाली, पति को मारनेवाली स्त्री राक्षसी-संज्ञक होती है । शौच, आचार और रूप से रहित, सदा मलिन रहनेवाली, अतिशय भयंकर स्त्री पिशाची कहलाती है । अतिशय चञ्चल स्वभाववाली, चपल नेत्रोंवाली, इधर-उधर देखनेवाली, लोभी नारी वानरी-संज्ञक होती है । चन्द्रमुखी, मदमत्त हाथी के समान चलनेवाली, रक्तवर्ण के नखोंवाली, शुभ लक्षणों से युक्त हाथ-पैरवाली स्त्री विद्याधरी-श्रेणी की होती है । वीणा, मृदंग, वंशी आदि वाद्यों के शब्दों को सुनने तथा पुष्पों और विविध सुगन्धित द्रव्यों में अभिरुचि रखनेवाली स्त्री गान्धर्वी-श्रेणी की होती है ।

सुमन्तु मुनि ने कहा – राजन् ! ब्रह्माजी इस प्रकार स्त्री और पुरुषों के लक्षणों को स्वामिकार्तिकेय को बतलाकर अपने लोक को चले गये ।

(अध्याय २८)

See Also :-

1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२

2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3

3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४

4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५

5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६

6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७

7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९

8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५

9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६

10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७

11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८

12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९

13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २०

14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१

15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२

16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३

17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६

18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७

Please follow and like us:
Pin Share

Discover more from Vadicjagat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.