December 9, 2018 | aspundir | Leave a comment भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – ४६ भगवान कार्तिकेय तथा उनके षष्ठी – व्रत की महिमा सुमन्तु मुनि बोले – राजन् ! भाद्रपद मास की षष्ठी तिथि बहुत उत्तम तिथि है, यह सभी पापों का हरण करनेवाली, पुण्य प्रदान करने वाली तथा सभी कल्याण-मङ्गलों को देने वाली है । यह तिथि कार्तिकेय को अतिशय प्रिय है । इस दिन किया हुआ स्नान, दान आदि सत्कर्म अक्षय होता है । तो दक्षिण दिशा (कुमारिका-क्षेत्र) में निवास करने वाले कुमार कार्तिकेय का इस तिथि को दर्शन करते हैं, वे ब्रह्महत्या आदि पापों से मुक्त हो जाते हैं, इसलिये इस तिथि में भगवान कार्तिकेय का अवश्य दर्शन करना चाहिये । भक्तिपूर्वक कार्तिकेय का पूजन करने से मानव मनोवाञ्छित फल प्राप्त करता है और अन्त में इन्द्रलोक में निवास करता हैं । ईंट, पत्थर, काष्ठ आदि के द्वारा श्रद्धापूर्वक कार्तिकेय का मन्दिर बनाने वाला पुरुष स्वर्ण के विमान में बैठकर कार्तिकेय के लोक में जाता हैं । इनके मंदिर पर ध्वजा चढाने तथा झाड़ू-पोंछा (मार्जन) आदि करने से रुद्रलोक प्राप्त होता है । चन्दन, अगर, कपूर आदि से कार्तिकेय की पूजा करने पर हाथी, घोडा आदि वाहनों का स्वामी होता है और सेनापतित्व भी प्राप्त होता है । राजाओं को कार्तिकेय की अवश्य ही आराधना करनी चाहिये । जो राजा कृत्तिकाओं के पुत्र भगवान् कार्तिकेय की आराधना कर युद्ध के लिये प्रस्थान करता हैं वह देवराज इन्द्र की तरह अपने शत्रुओं को परास्त कर देता है । कार्तिकेय की चम्पक आदि विविध पुष्पों से पूजा करने वाला व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता हैं और शिवलोक को प्राप्त करता है । इस भाद्रपद मास की षष्ठी को तेल का सेवन नहीं करना चाहिये । षष्ठी भाद्रपद तिथि को व्रत एवं पूजनकर रात्रि में भोजन करनेवाला व्यक्ति सम्पूर्ण पापों से मुक्त हो कार्तिकेय के लोक में निवास करता हैं । जो व्यक्ति कुमारिका क्षेत्र में स्थित भगवान् कार्तिकेय का दर्शन एवं भक्तिपूर्वक उनका पूजन करता हैं, वह अखण्ड शान्ति प्राप्त करता हैं । (अध्याय ४६) See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२ 2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3 3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४ 4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५ 5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६ 6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७ 7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९ 8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५ 9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६ 10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७ 11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८ 12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९ 13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २० 14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१ 15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२ 16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३ 17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६ 18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७ 19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८ 20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३० 21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१ 22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२ 23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३ 24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४ 25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५ 26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८ 27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९ 28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५ Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe