December 13, 2018 | aspundir | Leave a comment भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७० ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – ७० सिद्धार्थ (सर्षप)-सप्तमी- व्रत के उद्यापन की विधि ब्रह्माजी बोले – याज्ञवल्क्य ! सिद्धार्थ सप्तमी के व्रत के अनन्तर दूसरे दिन स्नान-पूजन-जप तथा हवन आदि करके भोजक, पुराणवेत्ता और वेद-पारङ्गत ब्राह्मणों को भोजन कराकर लाल वस्त्र, दूध देनेवाली गाय, उत्तम भोजन तथा जो-जो पदार्थ अपने को प्रिय हों, वे सब मध्याह्नकाल में भोजकों को दान देने चाहिये । यदि भोजक न प्राप्त हो सकें तो पौराणिक को और पौराणिक न मिल सके तो सामवेद जाननेवाले मन्त्रविद् ब्राह्मण को वे सभी वस्तुएँ देनी चाहिये । मुने ! यह सिद्धार्थ-सप्तमी के उद्यापन की संक्षिप्त विधि है । इसप्रकार भक्तिपूर्वक सात सप्तमी का व्रत करने से अनन्त सुख की प्राप्ति होती है और दस अश्वमेध-यज्ञ का फल प्राप्त होता है । इस व्रत से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं । गरुड़ को देखकर सर्प आदि की तरह कुष्ठ आदि सभी रोग इसके अनुष्ठान से दूर भागते हैं । व्रत-नियम तथा तप करके सात सप्तमी को व्रत करने से मनुष्य विद्या, धन, पुत्र, भाग्य, आरोग्य और धर्म को तथा अन्त समय में सूर्यलोक को प्राप्त कर लेता है । इस सप्तमी व्रत की विधि का जो श्रवण करता है अथवा उसे पढ़ता है, वह भी सूर्यनारायण में लीन हो जाता है । देवता और मुनि भी इस व्रत के माहात्म्य को सुनकर सूर्यनारायण के भक्त हो गए हैं । जो पुरुष इस आख्यान का स्वयं श्रवण करता है अथवा दूसरे को सुनाता है तो वे दोनों सूर्यलोक को जाते हैं । रोगी यदि इसका श्रवण करे तो रोगमुक्त हो जाता है । इस व्रतकी जिज्ञासा रखनेवाला भक्त अभिलषित इच्छाओं को प्राप्त करता है और सूर्यलोक को जाता है । यदि इस आख्यान को पढकर यात्रा की जाय तो मार्ग में विघ्न नहीं आते और यात्रा सफल होती है । जो कोई भी जिस पदार्थ की कामना करता है, वह उसे निश्चित प्राप्त कर लेता है । गर्भिणी स्त्री इस आख्यान को सुने तो वह सुखपूर्वक पुत्र को जन्म देती है. बन्ध्या सुने तो संतान प्राप्त करती है । याज्ञवल्क्य ! यह सब कथा सूर्यनारायण ने मुझसे कही थी और मैंने आपको सुना दी और अब आप भी भक्तिपूर्वक सूर्यनारायण की आराधना करें, जिससे सभी पातक नष्ट हो जायँ । उदित होते ही जो अपनी किरणों से संसार का अन्धकार दूरकर प्रकाश फैलाते हैं, वे द्वादशात्मा सूर्यनारायण ही जगत् के माता-पिता तथा गुरु हैं, अदिति-पुत्र भगवान् सूर्य आपपर प्रसन्न हों । (अध्याय ७०) See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२ 2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3 3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४ 4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५ 5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६ 6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७ 7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९ 8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५ 9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६ 10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७ 11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८ 12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९ 13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २० 14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१ 15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२ 16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३ 17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६ 18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७ 19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८ 20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३० 21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१ 22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२ 23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३ 24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४ 25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५ 26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८ 27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९ 28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५ 29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६ 30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७ 31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८ 32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९ 33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१ 34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३ 35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४ 36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५ 37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७ 38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८ 39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६० 40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६१ से ६३ 41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४ 42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५ 43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७ 44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८ 45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९ Related