भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७०
ॐ श्रीपरमात्मने नमः
श्रीगणेशाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
भविष्यपुराण
(ब्राह्मपर्व)
अध्याय – ७०
सिद्धार्थ (सर्षप)-सप्तमी- व्रत के उद्यापन की विधि

ब्रह्माजी बोले – याज्ञवल्क्य ! सिद्धार्थ सप्तमी के व्रत के अनन्तर दूसरे दिन स्नान-पूजन-जप तथा हवन आदि करके भोजक, पुराणवेत्ता और वेद-पारङ्गत ब्राह्मणों को भोजन कराकर लाल वस्त्र, दूध देनेवाली गाय, उत्तम भोजन तथा जो-जो पदार्थ अपने को प्रिय हों, वे सब मध्याह्नकाल में भोजकों को दान देने चाहिये । यदि भोजक न प्राप्त हो सकें तो पौराणिक को और पौराणिक न मिल सके तो सामवेद जाननेवाले मन्त्रविद् ब्राह्मण को वे सभी वस्तुएँ देनी चाहिये । मुने ! यह सिद्धार्थ-सप्तमी के उद्यापन की संक्षिप्त विधि है ।
om, ॐइसप्रकार भक्तिपूर्वक सात सप्तमी का व्रत करने से अनन्त सुख की प्राप्ति होती है और दस अश्वमेध-यज्ञ का फल प्राप्त होता है । इस व्रत से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं । गरुड़ को देखकर सर्प आदि की तरह कुष्ठ आदि सभी रोग इसके अनुष्ठान से दूर भागते हैं । व्रत-नियम तथा तप करके सात सप्तमी को व्रत करने से मनुष्य विद्या, धन, पुत्र, भाग्य, आरोग्य और धर्म को तथा अन्त समय में सूर्यलोक को प्राप्त कर लेता है ।
इस सप्तमी व्रत की विधि का जो श्रवण करता है अथवा उसे पढ़ता है, वह भी सूर्यनारायण में लीन हो जाता है । देवता और मुनि भी इस व्रत के माहात्म्य को सुनकर सूर्यनारायण के भक्त हो गए हैं । जो पुरुष इस आख्यान का स्वयं श्रवण करता है अथवा दूसरे को सुनाता है तो वे दोनों सूर्यलोक को जाते हैं । रोगी यदि इसका श्रवण करे तो रोगमुक्त हो जाता है । इस व्रतकी जिज्ञासा रखनेवाला भक्त अभिलषित इच्छाओं को प्राप्त करता है और सूर्यलोक को जाता है । यदि इस आख्यान को पढकर यात्रा की जाय तो मार्ग में विघ्न नहीं आते और यात्रा सफल होती है । जो कोई भी जिस पदार्थ की कामना करता है, वह उसे निश्चित प्राप्त कर लेता है ।
गर्भिणी स्त्री इस आख्यान को सुने तो वह सुखपूर्वक पुत्र को जन्म देती है. बन्ध्या सुने तो संतान प्राप्त करती है । याज्ञवल्क्य ! यह सब कथा सूर्यनारायण ने मुझसे कही थी और मैंने आपको सुना दी और अब आप भी भक्तिपूर्वक सूर्यनारायण की आराधना करें, जिससे सभी पातक नष्ट हो जायँ । उदित होते ही जो अपनी किरणों से संसार का अन्धकार दूरकर प्रकाश फैलाते हैं, वे द्वादशात्मा सूर्यनारायण ही जगत् के माता-पिता तथा गुरु हैं, अदिति-पुत्र भगवान् सूर्य आपपर प्रसन्न हों ।
(अध्याय ७०)

See Also :-

1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२

2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3

3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४

4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५

5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६

6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७

7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९

8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५

9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६

10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७

11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८

12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९

13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २०

14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१

15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२

16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३

17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६

18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७

19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८

20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३०

21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१

22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२

23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३

24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४

25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५

26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८

27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९

28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५

29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६

30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७

31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८

32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९

33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१

34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३

35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४

36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५

37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७

38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८

39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६०

40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय  ६१ से ६३

41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४

42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५

43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७

44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८

45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.