भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३६ से १३७
ॐ श्रीपरमात्मने नमः
श्रीगणेशाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
भविष्यपुराण
(ब्राह्मपर्व)
अध्याय – १३६ से १३७
भगवान् सूर्यकी प्रतिमाके अधिवासन और प्रतिष्ठाका विधान तथा फल

नारदजी बोले — साम्ब ! अब मैं अधिवासन विधि कहता हूँ । पवित्र भूमि को लीपकर पाँच रंगो से चतुरस्र सुन्दर मण्डल की रचना करे । पताका, ध्वज, तोरण, छत्र, पुष्पमाला आदि से उसे अलंकृत कर मण्डल में कुशा बिछाये और सूर्यदेव की मूर्ति स्थापित करे । भगवान् सूर्य का आवाहन कर उन्हे अर्घ्य दे, मधुपर्क तथा वस्त्र, यज्ञोपवीत आदिसे पूजन करे और अव्यङ्ग अर्पण करे । om, ॐजिस प्रकार देवताओं को पवित्रक अर्पण किया जाता है, वैसे ही प्रतिवर्ष श्रावण मास में नवीन अव्यङ्ग की रचनाकर सूर्यनारायण को समर्पित करना चाहिये । इनका यह पवित्रक है । नवीन अव्यङ्ग के समर्पण के समय ब्राह्मणों को भोजन कराये । भगवान् की प्रतिमा को सुगन्धित द्रव्यों से उपलिप्त कर पुष्पमाला चढ़ाये तथा धूप आदि दिखाये । ‘नमः शम्भवायः० ‘ (यजु० १६ । ४१) इस मन्त्र से भगवान् की प्रतिमा को शय्या के ऊपर शयन कराये । सम्पूर्ण कामनाओं की पूर्ति के लिये इस प्रकार पाँच दिन, तीन दिन अथवा एक ही रात्रि प्रतिमा को अधिवासन करे ।

देवालय के ईशानकोण में उत्तम स्थान के मध्य में कुशा बिछाकर वहाँ शुक्ल वस्त्रों से सुसज्जित शय्या रखे । शय्या का सिरहाना पूर्वमुख रखा जाय । उसी शय्या पर भगवान् सूर्य की प्रतिमा को शयन कराये । उनके दाहिने भाग में निक्षुभा, वाम भाग में राज्ञी और चरणों के समीप दण्डनायक तथा पिङ्गल को स्थापित करे । उस रात्रि में सूर्यनारायण के समीप जागरण करे, वन्दी-चारण से स्तुति, नृत्य, गीत आदि उत्सव कराये । प्रभात होते ही ऋग्वेद के विधान से प्रतिमा का उद्बोधन करे और स्वस्तिवाचनपूर्वक भगवान् की पूजा कर ब्राह्मण तथा भोजक को हविष्यान्न भोजन कराये तथा उन्हें दक्षिणा देकर प्रसन्न करे । अनतर मन्दिर के गर्भगृह में पिण्डिका के ऊपर सात अश्वों से युक्त सुवर्ण का रथ स्थापित कर सूर्यनारायण को अर्घ्य देकर मङ्गल वाद्यों के साथ जलधारा गिराये । फिर उत्तम मुहूर्त और स्थिर लग्न में प्रतिमा की स्थापना करे । प्रतिमा का मुख नीचे-ऊपर या अगल-बगल, तिरछा न हो, वरन् सीधा और सम रहे । भगवान् सूर्य की प्रतिमा के दक्षिण-भाग में और वामभाग में क्रमशः निक्षुभा और राज्ञी की प्रतिमा स्थापित करे । अनन्तर मोदक, शषकुली, पायस, कृशर आदि से इन्द्रादि दस दिक्पालों का आवाहन तथा पूजन कर उन्हें बलि समर्पित करे ।इसके अनन्तर स्तुतियों तथा विविध उपचारों से सूर्यदेव का पूजनकर ब्राह्मणों और भोजकों को भोजन कराये और उन्हें दक्षिणा दे । इस प्रकार भक्तों द्वारा भक्तिपूर्वक प्रतिमा की स्थापना किये जाने पर, वह उनकी सभी प्रकार कल्याण, मङ्गल और सुख-समृद्धि की वृद्धि करती है और उसमें भगवान् सूर्यका नित्य सांनिध्य रहता है । सूर्यकी स्थापना करनेवाला व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है और उसे सात जन्मों तक आधि-व्याधियाँ भी नहीं सतातीं । तीन दिनों तक प्रतिष्ठा के उत्सवों में सम्मिलित रहनेवाला व्यक्ति सूर्यलोक को जाता हैं । सूर्यनारायण की प्रतिमा की स्थापना करने से दस अश्वमेध तथा सौ वाजपेय-यज्ञ का फल प्राप्त होता है । मन्दिर की ईंट जबतक चूर्ण नहीं हो जाती, तबतक मन्दिर बनवानेवाला पुरुष स्वर्गसुख भोगता है । सूर्य-मन्दिर के जीर्णोद्धार करने का पुण्य इससे भी अधिक है । जो पुरुष मन्दिर का निर्माण कराकर प्राणियों की सृष्टि, स्थिति एवं प्रलयके हेतुभूत सुरश्रेष्ठ भगवान् सूर्य की प्रतिमा स्थापित करता है, वह संसार के सब सुखों को भोगकर सौ कल्पों तक सूर्यलोक में निवास करता है । मन्दिर में इतिहास-पुराण का पाठ भी करना चाहिये । इसी प्रकार अन्य देवताओं की प्रतिमाओं का भी शय्याधिवास तथा उद्बोधन करे तथा शुभ मुहूर्त में उन प्रतिमाओं को यथास्थान पिण्डिका पर स्थापित कर पूजन करे ।
(अध्याय १३६-१३७)

See Also :-

1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२

2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3

3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४

4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५

5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६

6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७

7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९

8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५

9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६

10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७

11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८

12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९

13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २०

14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१

15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२

16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३

17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६

18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७

19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८

20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३०

21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१

22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२

23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३

24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४

25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५

26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८

27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९

28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५

29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६

30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७

31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८

32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९

33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१

34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३

35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४

36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५

37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७

38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८

39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६०

40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय  ६१ से ६३

41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४

42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५

43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७

44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८

45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९

46. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७०

47. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७१

48. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७२ से ७३

49. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७४

50. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७५ से ७८

51. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७९

52. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८० से ८१

53. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८२

54. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८३ से ८५

55. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८६ से ८७

56. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८८ से ९०

57. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९१ से ९२

58. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९३

59. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९४ से ९५

60. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९६

61. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९७

62. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९८ से ९९

63. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०० से १०१

64. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०२

65. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०३

66. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०४

67. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०५ से १०६

68. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०७ से १०९

69. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११० से १११

70. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११२

71. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४

72. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४

73. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११६

74. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११७

75. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११८

76. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११९

77. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२०

78. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२१ से १२४

79. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२५ से १२६

80. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२७ से १२८

81. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२९

82. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३०

83. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३१

84. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३२ से १३३

85. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३४

86. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३५

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.