Print Friendly, PDF & Email

भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३९ से १४१
ॐ श्रीपरमात्मने नमः
श्रीगणेशाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
भविष्यपुराण
(ब्राह्मपर्व)
अध्याय – १३९ से १४१
साम्बोपाख्यानमें मगोंका वर्णन

साम्ब ने कहा — नारदजी ! आपकी कृपा से मुझे सूर्यभगवान् का प्रत्यक्ष दर्शन प्राप्त हुआ, उत्तम रूप भी प्राप्त हुआ, किंतु मेरा मन चिन्ता से आकुल है, इस मूर्ति का पूजन और रक्षण कौन करेगा ? इसे आप बताने की कृपा करें ।om, ॐनारदजी बोले — साम्ब ! इस कार्य को कोई भी ब्राह्मण स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि देवपूजा अर्थात् देवधन से अपना निर्वाह करनेवाले ब्राह्मण देवलक कहे जाते हैं । जो लोग लोभवश देवधन और ब्राह्मण-धन को ग्रहण करते हैं, वे नरक में जाते हैं, अतः कोई भी ब्राह्मण देवता का पूजक नहीं बनना चाहता । तुम भगवान् सूर्य की शरण में जाओ और उन्हीं से पूछो कि कौन उनका विधि-विधान से पूजन करेगा ? अथवा राजा उग्रसेन के पुरोहित से कहो, सम्भव है कि वे इस कार्य को स्वीकार कर लें ।

नारदजी की इस बात को सुनकर जाम्बवतीपुत्र साम्ब उग्रसेन के पुरोहित गौरमुख के पास गये और उन्होंने उन्हें सादर प्रणामकर कहा — ‘महाराज ! मैने सूर्यभगवान् का एक विशाल मन्दिर बनवाया है, उसमें समस्त परिवार तथा परिच्छदों एवं पत्नियों सहित उनकी प्रतिमा स्थापित की है और अपने नाम से वहाँ एक नगर भी बसाया है । आपसे मेरा यह विनम्र निवेदन है कि आप उन्हें ग्रहण करें ।’गौरमुख ने कहा— साम्ब ! मैं ब्राह्मण हूँ और आप राजा हैं । आपके द्वारा दिये गये इस प्रतिग्रह को लेने पर मेरा ब्राह्मणत्व नष्ट हो जायगा । दान लेना ब्राह्मण का धर्म है, किंतु देवप्रतिग्रह ब्राह्मण को नहीं लेना चाहिये । आप यह दान किसी मग को दे दें, वही सूर्यदेव की पूजा का अधिकारी है ।

साम्ब ने पूछा — महाराज ! मग कौन हैं ? कहाँ रहते हैं ? किसके पुत्र हैं ? इनका क्या आचार हैं ? आप कृपाकर बतायें ।

गौरमुख बोले — मग भगवान् सूर्य (अग्नि) तथा निक्षुभा के पुत्र हैं । पूर्वजन्म में निक्षुभा महर्षि ऋग्जिह्व की अत्यन्त सुन्दर पुत्री थी । एक बार उससे अग्नि का उल्लङ्घन हो गया । फलस्वरूप भगवान् सूर्य (अग्निस्वरूप) रुष्ट हो गये । बाद में अग्निरूप भगवान् सूर्य के द्वारा निक्षुभा का जो पुत्र हुआ, वही मग कहलाया । भगवान् सूर्य के वरदान से ये ही अग्निवंश में उत्पन्न अव्यङ्ग को धारण करने वाले मग सूर्य के परम भक्त हुए और सूर्य की पूजा के लिये नियुक्त हुए । भगवान् सूर्य की पूजा करने वाले मग शाकद्वीप में निवास करते हैं, आप भगवान् सूर्य के पूजक के रूप में उन्हें प्राप्त करने के लिये शाकद्वीप जायँ ।अनन्तर साम्ब ने द्वारका जाकर अपने पिता भगवान् श्रीकृष्ण को सब समाचार सुनाया । फिर वे उनकी आज्ञा प्राप्तकर गरुड़ पर सवार हो शीघ्र ही शाकद्वीप पहुँच गये । वहाँ जाकर उन्होंने अतिशय तेजस्वी महात्मा मगों को सूर्यभगवान् की आराधना में संलग्न देखा । साम्ब ने उन्हें सादर प्रणामकर उनकी प्रदक्षिणा की ।

साम्ब ने कहा — आपलोग धन्य हैं । आप सबका दर्शन सबके लिये कल्याणकारी है, आप लोग सदा भगवान् सूर्य की आराधना में लगे हुए हैं । मैं भगवान् श्रीकृष्ण का पुत्र हूँ. मेरा नाम साम्ब है। मैंने चन्द्रभागा नदी के तटपर सूर्यदेव की मूर्ति की स्थापना की है । उनकी आज्ञा के अनुसार उनकी विधिवत् आराधना के निमित्त शाकद्वीप से जम्बुद्वीप में ले जाने के लिये मैं आपकी सेवामें उपस्थित हुआ हूँ । मेरी सविनय प्रार्थना है कि आपलोग कृपाकर जम्बूद्वीप में पधारें और भगवान् सूर्य की पूजा करें ।

मगों ने कहा — ‘साम्ब ! इस बात की जानकारी भगवान् सूर्य ने हमें पहले ही दे दी हैं ।’यह सुनकर साम्ब बहुत प्रसन्न हुए और गरुड़ पर उन्हें बैठाकर वहाँ से मित्रवन (मूलस्थान-मुल्तान) ले आये । सूर्यभगवान् मगों को वहाँ उपस्थित देखकर बहुत प्रसन्न हुए और साम्ब से बोले—’साम्ब ! अब तुम चिन्ता छोड़ दो, ये मग मेरी विधिवत् पूजा सम्पन्न करेंगे ।’

इस प्रकार साम्ब ने शाकद्वीप से अव्यङ्ग धारण करने वाले मग को लाकर धन-धान्य से परिपूर्ण इस साम्बपुर को उन्हें समर्पित कर दिया । ये सब भगवान् सूर्य की सेवामें तत्पर हो गये और साम्ब भी सूर्यदेव एवं मगों को प्रणामकर आनन्दचित्त से द्वारका लौट आये ।
(अध्याय १३९-१४१)

See Also :-

1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२

2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3

3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४

4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५

5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६

6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७

7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९

8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५

9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६

10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७

11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८

12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९

13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २०

14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१

15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२

16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३

17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६

18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७

19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८

20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३०

21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१

22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२

23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३

24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४

25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५

26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८

27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९

28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५

29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६

30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७

31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८

32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९

33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१

34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३

35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४

36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५

37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७

38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८

39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६०

40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय  ६१ से ६३

41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४

42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५

43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७

44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८

45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९

46. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७०

47. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७१

48. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७२ से ७३

49. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७४

50. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७५ से ७८

51. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७९

52. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८० से ८१

53. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८२

54. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८३ से ८५

55. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८६ से ८७

56. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८८ से ९०

57. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९१ से ९२

58. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९३

59. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९४ से ९५

60. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९६

61. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९७

62. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९८ से ९९

63. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०० से १०१

64. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०२

65. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०३

66. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०४

67. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०५ से १०६

68. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०७ से १०९

69. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११० से १११

70. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११२

71. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४

72. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४

73. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११६

74. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११७

75. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११८

76. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११९

77. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२०

78. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२१ से १२४

79. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२५ से १२६

80. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२७ से १२८

81. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२९

82. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३०

83. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३१

84. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३२ से १३३

85. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३४

86. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३५

87. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३६ से १३७

88. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३८

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.