January 10, 2016 | aspundir | Leave a comment भैरों का मन्त्र मन्त्रः- “आद भैरों, जुगाद भैरों, भैरों है सब थाईं । भैरों ब्रह्मा, भैरों विष्णु, भैरों ही भोला साईं । भैरों देवी, भैरों सब देवता, भैरों सिद्ध, भैरों नाथ । भैरों गुरु, भैरों पीर, भैरों ज्ञान, भैरों ध्यान । भैरों योग- वैराग । भैरों विन होय ना रक्षा । भैरों विन बजे ना नाद । काल भैरों, विकराल भैरों । घोर भैरों, अघोर भैरों । भैरों की कोई ना जाने सार । भैरों की महिमा अपरम्पार । श्वेत वस्त्र, श्वेत जटा- धारी । हत्थ में मुदगर, श्वान की सवारी । सार की जञ्जीर, लोहे का कड़ा । जहाँ सिमरुँ, भैरों बाबा हाजिर खड़ा । चले मन्त्र, फुरे वाचा । देखाँ आद भैरो ! तेरे इल्म चोट का तमाशा ।” विधि – ४१ दिनों तक किसी शिव-मन्दिर या भैरव-मन्दिर मे प्रति-दिन एक माला जप करे । उड़द के ‘बड़े’ और ‘मद्य’ का भोग दे । भैरव बाबा भक्त की सब कामनाएँ पूर्ण करते हैं । Related