December 30, 2015 | aspundir | Leave a comment मन्त्र चौकी नाहरसिंह की मन्त्र:- “ॐ नमो नारसिंह, नारी का जाया । याद किया, सो जल्दी आया । पाँच पान का बीड़ा, मद्य की धार । चल-चल नाहरसिंह, कहाँ लगाई एती बार ? देसुँ केसर कूकड़ो मुर्गा को ताज । देसुँ मध की धार । आरोधा आया नहीं, कहाँ लगाई एती वार ? देसुँ नारसिंह तो तेरा किया अमुक का घट-पिण्ड बाँध, मेरे हाथ दीया । मारता का हाथ बाँध, बोलता की जीभ बाँध । झाँकता का नैन बाँध, हीयाबू का ककड़ो बाँध । बोटी-बोटी बाँध, पकड़ लटी पछाड़ मार ! मेरा पग तले ला पछाड़ । चलता देसुँ केसर कूकड़ो, उतरता देसुँ मध की धार । इतना दे जब उतर जो खोल जो घोर धार हमारा । उतारा उतर जो और उतारा उतरे, तो नारसिंह तू सहीची डाल । शब्द साँचा, पिण्ड काचा । फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा ।।” विधि :- मुर्गा का केसर और गुग्गल दोनों को पीसकर चने प्रमाण गोली बनाए और पूजन के समय आग पर रखे । बताशे, पान के ५ बीड़े लौंग, गरी, इलायची, सुपारी, दीपक के आगे नैवेद्य के रूप में रखे । Content is available only for registered users. Please login or registerहोली- दीवाली-ग्रहण में भी जप करे । Please follow and like us: Related