August 20, 2015 | 1 Comment महालक्ष्मी के सिद्ध मंत्र हमने यहां भगवती लक्ष्मी की उपासना के लिए विभिन्न सिद्ध मंत्र दिए हैं। इनमें से आपको जो भी उचित लगें उसका पूर्ण श्रद्धा, निष्ठा और आस्था के साथ नियमित जाप करें। इससे महालक्ष्मी निश्चित ही आप पर प्रसन्न होकर इच्छित फल प्रदान करेंगी। श्रीं ॐ श्रीं नम: श्रीं श्रियै नम: ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं ॐ ह्रीं श्रीं नम: ॐ कमलायै नम:। ॐ ह्रीं पद्मे स्वाहा। श्रीं ह्रीं महालक्ष्म्यै नम: ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नम: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रियै नम: ॐ नम: कमलवासिन्यै स्वाहा ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नम: ॐ ह्रीं क्लीं हसौं: जगत्प्रसूत्ययै नम: ऐं ह्रीं श्रीं ज्येष्ठा लक्ष्मि स्वयंमेव ह्रीं ज्येष्ठायै नम: ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवति माहेश्वरि अन्नपूर्णे स्वाहा। ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं महालक्ष्म्यै नमः ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्। ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट लक्ष्मी मम गृहे धन पूरय पूरय नम:। नमो देवी भगवते त्रिलोचनं त्रिपुरं देवि अंजलीम् में कल्याणं कुरु कुरु स्वाहा। ॐ ग्लौं श्रीं अन्नं मह्यन्नं मे देह्यन्नाधिपतये ममान्नम् प्रदापय स्वाहा श्रीं ग्लौं ॐ ॐ दुगे-स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्रयदु:खभयहारिणी कात्वदन्यासर्वोपकारकरणाय सदाऽर्द्र-चित्ता।। सर्व मंगल मांगल्यै शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते।। सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोकस्याखिलेश्वरि।एकमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरि विनाशनम्।। विधेहि देवि कल्याणं विधेहि परमां यिम्।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। Related
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