January 1, 2016 | Leave a comment मुकदमों में विजय-प्राप्ति का मन्त्र मन्त्रः- “ॐ वट वरदाय विजय गणपतये नमः ।” विधि : जिस मन्दिर में ‘गणपति’ स्थापित हों, वहां ‘प्रयोग’ करे । विधि-वत् पूजन करके प्रयोगारम्भ करे । अथवा, निवास-स्थान में गणपति जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर ‘प्रयोग’ करे । ‘प्रयोग’ किसी भी बुधवार से आरम्भ करे । पांच दिन में सवा लाख जप करे । यदि ऐसा न हो सके, तो एक-दो दिन और लगातार ‘जप’ करके गणना पूरी करे । ‘जप’ के समक्ष पूर्वाभिमुख बैठे । चन्दन की माला, लाल आसन का प्रयोग करे । मूर्ति हो, तो उसको स्नान करवा कर सिन्दुर लगाए । धूप-दीप-नैवेद्य सहित २१ लाल फूल कनेर के चढाए । २१ फ्ल चढ़ाते समय, जिस कार्य के लिए ‘प्रयोग’ कर रहे हों, उसका निवेदन करे । जो मनोकामना या कष्ट या आपत्ति हो, उसको कहे । पूर्ण भक्ति-भाव से प्रार्थना करे । पांच दिन यम-नियम इत्यादि का पालन करे । ५ दिन के बाद ५ कन्याओं को मीठा- भोजन, दान-दक्षिणा सहित कराए । बाद में जब तक मुकदमा पूरा न हो, तब तक गणपति जी का दर्शन-पूजन करता रहे और नियत संख्या में उक्त मन्त्र का जप यथा- शक्ति करता रहे । नित्य १ माला या ५ माला, जितना हो सके उतना जप करे । जब कोर्ट-कचहरी जाए, तब उक्त मन्त्न का स्मरण करे । विजय- प्राप्ति के लिए अन्य मानवीय प्रयास में असावधानी न करे । श्रद्धा न छोड़े । ऐसा करने से विजय मिलेगी और जो भी जटिल समस्याएँ होंगी, उनका भी निवारण होगा । Related