January 4, 2016 | aspundir | 2 Comments मोहन मन्त्र फकीरी मन्त्रः- (१) ”नबी का है यह फरमान, खुदा का रूप है इन्सान । इसकी ताकत है ईमान, जिससे चलता है जहान ।। जहान में खुदा का टोना है, आस्मान मे आफताब की शान । चाँद नूर बरसाता है, चलाता है जादू का बान ।। चल – चल बिहिश्त की हूर, फैला दे नूर, मोह ले जमीन – आसमान । तुझे अली इमाम की आन । तुझे कुरआन की कसम, पाक परवर – दिगार की कसम । रख ले ईमान, झूठी न हो फकीर की जुबान-कु: फु: फु: ।।” विधि :- ईद की रात में किसी कब्रिस्तान में, किसी कब्र के पास, पश्चिम की तरफ रुख कर आसन पर बैठे । लोहबान की धूनी देते हुए उक्त मन्त्र को १०८ बार पड़े । इसके बाद जब कभी किसी को मोहित करना हो, तो पानी को ७ बार अभिमन्त्रित कर इच्छित व्यक्ति को पिलाए या किसी फूल को ७ बार मन्त्र पढ़कर उसके हाथ में दे या ७ बार धूल को अभिमन्त्रित कर उसके बदन पर उड़ाए, तो वह व्यक्ति जपकर्ता पर मोहित हो जाएगा । स्त्री – पुरुष-दोनों इस मन्त्र का प्रयोग कर सकते हैं । (२) ”नबी को मोहे खुदा की शान, चल पड़ी नबी की जुबान । मोहे इन्सान, सोई मुसलमान, मोहित हुआ सारा जहान । चल – चल बाहु का बान, मान ले फकीर का फरमान । तुझे कुरआन की आन, मोह ले जमीन – आसमान, मोह ले ( अमुक) की जान । फकीर का कहा न माने, तो दोजख की आग में जले. फू.. .फू.. .फू…।।” विधि : उक्त मन्त्र भी ऊपर लिखी विधि से सिद्ध किया जाता है । दोनों एक ही मन्त्र हैं । दो फकीरों की सिद्धि से सिद्ध हुए हैं । इसलिए इन दोनों की आयत में थोड़ा अन्तर है । इस मन्त्र का प्रयोग भी उसी प्रकार किया जाता है । Related
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