September 13, 2015 | aspundir | Leave a comment मोहिनी शाबर मन्त्र मन्त्रः- “हेरो सरसुआ फेरो बहिनी, जब देखों तो बाँस के रहनी, नथे बैल बनियन बँधो, परके तेल माथे पे लगाऊ रहिया, मोहिनी धुँआ धरनी, जरवा जोहिनी भैया मोहिनी, कहाँ की मोहिनी, भेड़ा-घाट की मोहिनी, लग जाय री मोहिनी, उस्ताज मोहिनी, चल रे मोहनिया । फिर जहाँ फटकारों, तहाँ वचन न परै खाली । जैसे लवाई गाय अपने बच्छा के लानै दौरे, वैसे मेरे लाने मनख दौरे । उसका का मोह, तरुआ मोहो, पिंडरी मोहो, जाँघ मोहो, करीय मोहो, छतियाँ मोहो, छींकन की नाक मोहो, देखन की आँख मोहो, माथे की चँदिया मोहो । सिर पै बैठ पकर ला, जेर बन्द का ला मेरे पास, जब मैं जानों ठीक, गुरु की दुहाई ।।” विधिः- ढाई पाव आटे का रोट का मलीदा, लंगोट, चिमटा, नारियल और गाँजे की चुंगी (चिलम) से सिद्ध बाबा की पूजा करके जपे । नित्य १०८ बार जप ४९ दिनों तक करे, तो मन्त्र सिद्ध हो जाता है । फिर खाने-पीने की वस्तु पर ७ बार मन्त्र पढ़कर, खाने-पीने में दें, तो वशीकरण होता है । Please follow and like us: Related