August 24, 2019 | aspundir | Leave a comment ॥ अथ राधा यंत्रावरण पूजनम् ॥ राधा यंत्र के निर्माण में प्रचलित तंत्रग्रंथों, राधारहस्य, राधातंत्रादि में अलग से कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है । परन्तु राधातंत्र कवचादि में वर्णित नायिकायें सहित तथा अन्य दृष्टान्तों के आधार पर राधायंत्र की परिकल्पना कर यंत्र की रचना की गई है । उक्त यंत्र पर राधा एवं कृष्ण दोनों का अर्चन किया जा सकता है । यन्त्ररचना – षट्कोण, अष्टदल, दशदल, षोडशदल के बाद भुपूर बनाये । षट्कोण के मध्य में “क्लीं” लिखे । षट्कोण के कोणों “श्रीं राधिकायै स्वाहा’ षडक्षर के एक एक वर्ग लिखे । अष्टदल में कृष्ण की आठ पटरानियों का आवाहन करे । दश दल में राधा के 20 अक्षर मंत्र के 2-2 वर्ण लिखे । यथा – ह्रीं श्रीं, क्लीं क्लीं, ऐं ऐं, ह्रीं ह्रीं, राधि, कायै, क्लीं क्लीं, ऐं ऐं, ह्रीं ह्रीं, ह्रीं श्रीं । कृष्ण मंत्र – ह्रीं श्रीं, क्लीं कृ, ष्णाय, गोवि, न्दाय, गोपी, जन, वल्ल, भाय, स्वाहा (कृष्ण मन्त्र के १० विभाग) । षोडशदल में अं आं इं ईं … अं अः षोडश मातृका वर्ण लिखें । पीठपूजन कर यंत्रार्चन करे । प्रथमावरण – (बिन्दौ) ॐ लक्ष्म्यै नमः । ॐ धरायै नमः । ॐ राधाकृष्णाय नमः । द्वितीयावरण – (षट्कोणे) विद्यागुणात्मने राधायै नमः । अविद्यात्मने राधायै नमः । प्रकृत्यात्मने राधायै नमः । मायात्माने राधायै नमः । तेजस्विन्यै राधायै नमः । प्रबोधिन्यै राधायै नमः । तृतीयावरण – (अष्टदले) रुक्मिण्यै नमः, सत्यभामायै नमः, कालिन्दयै नमः, नागजितन्यै नमः, मित्रविन्दायै नमः । चारुहासिन्यै नमः, रोहिण्यै नमः, जाम्बवत्यै नमः। चतुर्थावरण – (दशदले) राधा व कृष्ण के मंत्र जो दशभाग पूर्व में बताये है, उनसे पूजन करे । पश्चात् दशावतार पूजन करे । मत्स्याय नमः, कूर्माय नमः, वराहाय नमः, नारसिंहाय नमः । वामनाय नमः । परशुरामाय नमः । रामाय नमः । कृष्णाय नमः, बुद्धाय नमः, कल्किने नमः । पंचमावरण – (षोडश दले) राधा की सखियों का पूजन करे । चन्द्रकलायै नमः, चन्द्राङ्कितायै नमः ,रोहिण्यै नमः धनिष्ठायै नमः, विशाख्यै नमः माधव्यै नमः, मालत्यै नमः, गोपाल्यै नमः, रत्नरेखायै नमः, सुभद्रायै नमः, भद्ररेखायै नमः, सुमुख्यै नमः, पारायै नमः, सुरत्यै नमः, कलहंस्यै नमः, कलाप्यै नमः। षोड़श दल में – अं आं….. अं अः षोडश कलात्मने परम पुरुषात्मने नमः । षष्ठमावरण – (भूपुरे) पूर्वादिक्रमेण इन्द्राय नमः । अग्निये नमः । यमाय नमः । नैर्ऋतिये नमः । वरुणाय नमः । वायवे नमः । सोमाय नमः । ईशानाय नमः । ब्रह्मणे नमः । अनंताय नमः । सप्तमावरण – (भूपुरे) लोकपालों के अस्त्रों का पूजन करे – वज्राय नमः । शक्त्यै नमः । दण्डाय नमः । खड्गाय नमः । पाशाय नमः । अंकुशाय नमः । गदायै नमः । त्रिशूलाय नमः । पद्माय नमः । चक्राय नमः । यंत्र प्रयोग करना हो तो साधकनाम व कामना यंत्र मध्य में लिखे । कामना शब्द अधिक हो तो कामना यंत्र के चारों और लिखे, मध्य में साध्य का नाम लिखे । Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe