August 30, 2019 | aspundir | Leave a comment ॥ विरिगणपति ॥ इस देवता की वीरभाव से उपासना करे, पात्रासादन तथा शक्त्यार्चन कर पूजा करें तो अधिक लाभ रहे । इस मंत्र के गणक ऋषि, गायत्री छन्द तथा विरिंगणपति देवता है । मंत्र :- ॐ ह्रीं विरि विरिगणपति वर वरद सर्वलोकं मे वशमानय स्वाहा । ध्यानम् सिन्दूराभमिभाननं त्रिनयनं हस्तेषु पाशाङ्कुशौ बिभ्राणं मधुमत् कपालमनिशं सार्धेन्दु मौलिं भजे । पुष्टयाश्लिष्ट तनुं ध्वजाग्रकरया पद्मोलसद्धस्तया तद् योन्याहित पाणिं मात्र वसुमत् पात्रोल्लसत् पुष्करम् ॥ यंत्रपूजा उच्छिष्टगणपति के समान करें । Related