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शरीर रक्षा शाबर मन्त्र

मन्त्रः-
“वार को वार बाँधें, पार को पार बाँधें, मरघट-मसान बाँधें, जादू-वीर बाँधें, दीठ-मूठ बाँधें, चोरी-छीना बाँधें, भेड़िया-बाघ बाँधें, लखूरी-स्यार बाँधें, बिच्छू और साँप बाँधें, लाइल्लाह का कोट, इल्लाह की खाई, मोहम्मद रसूलिल्लाह की चौकी, हजरत अली की दुहाई ।”
प्रयोग एवं विधिः-

जब तक ‘ग्रहण’ या ‘पर्व’-काल रहे, उक्त मन्त्र को जपता रहे, तो यह सिद्ध हो जाता है । मन्त्र को सात बार बोलकर दाँयें या बाँएँ – किसी भी हाथ से, किसी भी घुटने पर, ताल दें अर्थात् हाथ मारें । यदि किसी अशुभ-स्थान में रहना हो, तो वहाँ मन्त्र बोलकर अपने चारों ओर एक रेखा-सी खींच लें । इस रेखा के मध्य शरीर रक्षित रहेगा ।

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