January 7, 2016 | aspundir | 1 Comment शाबर मन्त्र-जाल ‘शाबर’-शब्द ‘शबर’ से बना है । ‘शबर’ का अर्थ है-किरात’ । ‘किरात’-वेष-धारी शिव जी के बनाए हुए मन्त्र ‘शाबर-मन्त्र’ कहलाते हैं । ‘किरात’ – वेष – धारी शिव जी और अर्जुन का युद्ध-प्रसन्न ‘महा- भारत’ में वर्णित है । तभी से ‘शाबर-मन्त्र’ का प्रचलन हुआ । ‘शाबर मन्त्र’ में व्याकरण-दोष नहीं माना जाता और भाषा-शास्त्र के नियमों की सीमा से यह ‘मन्त्र-जाल’ परे है । यहां कुछ ‘शाबर – मन्त्र’ दिए जाते हैं, जो गौतम जी और श्रीहनुमान जी के हैं । आशा है कि इनसे पाठकों के ज्ञान में वृद्धि होगी । ‘मन्त्र’ प्राय: चार प्रकार के माने गए हैं -१ वैदिक, २ पौराणिक, ३ तान्त्रिक एवं ४ शाबर । चामत्कारिक फल प्रधान ‘डामर – मन्त्र’ शाबर-मन्त्र की कोटि में माने जाते हैं । कलियुग के जीवों पर दया कर शिव जी ने ‘शाबर मन्व’ को कीलित नही किया । इसलिए अल्प साधना एवं प्रयास से ही ये मन्त्र सिद्ध हो जाते हैं । मन्त्र-साधना में गुरु-दीक्षा आवश्यक है । सम्प्रदाय – गत आचारों का पालन करना आवश्यक है । प्रवास में सुविधा पाने के लिएः- साधक को किसी अपरिचित स्थान में रुकने का जब अवसर मिले और उसे ऐसा लगे कि ‘मैं यहां कैसे सुविधा प्राप्त करूँ? यहां मुझे तो कोई पहचानता भी नहीं !’ तब सरलता से सुविधा पाने के लिए निम्न ‘साबर-मन्त्न’ का उपयोग किया जाता है । मन्त्र को उज्जीवित करने के लिए होली या दीपावली की रात्नि में तथा चन्द्र-सूर्य-ग्रहण के समय इस मन्त्र का १०८ बार जप कर लेना चाहिए । इन पर्वो पर साधक को सदा प्रत्येक बार इतना ही जप करते रहना चाहिए, अन्यथा मन्त्र प्रसुप्त हो जाएगा और फल-प्रद नही होगा । मन्त्र :- “गच्छ गौतम ! शीघ्र त्वं, ग्रामेषु नगरेषु च । अशनं वसनं चैव, ताम्बूलं तत्र कल्पय ।।” जहां साधक को ठहरना है, उस स्थान की सीमा में पहुँच कर उक्त मन्त्र को सात (७) बार पड़े । मन्त्र पढ़ते समय सफेद दूर्वा के तीन छोटे टुकड़े हाथ में रखने चाहिए । सात बार मन्त्र पढ़कर दूर्वा के टुकड़ों को शिखा या बालों में उलझाए । ठहरने के स्थान पर सब सुविधा मिलने तक इन टुकड़ों को केशों में उलझा रहने दे । आपको यदि ऐसा लगे कि ठीक समय पर सफेद दूर्वा नहीं मिलेगी, तो उसे यात्रा और पर्यटन में अपने साथ ले जाए । Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe