May 12, 2019 | aspundir | Leave a comment श्रीमद्भागवत-पाठके विभिन्न प्रयोग भागवत-महिमा श्लोकार्द्धं श्लोकपादं वा नित्यं भागवतं पठेत् । यः पुमान् सोऽपि संसारान्मुच्यते किमुताखिलात् ॥ आधा श्लोक या चौथाई श्लोक का भी नित्य जो मनुष्य पाठ करता है, उसकी भी संसार से मुक्ति हो जाती है; फिर सम्पूर्ण पाठ करनेवाले की तो बात ही क्या है । एषा बुद्धिमतां बुद्धिर्यद् भागवतमादरात् । नित्यं पठेद् यथाशक्ति यतः स्यात् संसृतिक्षयः ॥ बुद्धिमानों की बुद्धिमत्ता यही है कि संसार-भय-नाशक श्रीमद्भागवत का आदरपूर्वक यथाशक्ति पाठ करे । अशक्तो नित्य पठने मासे वर्षेऽपि वैकदा । पालयन् नियमान् भक्त्या श्रीमद्भागवतं पठेत् ॥ यदि नित्य पाठ न कर सकता हो तो महीने या वर्ष में एक बार नियमपूर्वक भक्ति-सहित भागवत का पाठ अवश्य करना चाहिये । एकाहे नैव शक्तस्तु द्व्यहेनाथ त्र्यहेण वा । पंचभिर्दिवसैः षड्भिः सप्तभिर्वा पठेत् पुमान् ॥ दशाहेनाथ पक्षेण मासेन ऋतुनापि वा । पठेद् भागवतं यस्तु भुक्तिं मुक्तिं स विन्दते ॥ जो एक दिन में पाठ न कर सकता हो वह दो, तीन, पाँच, छः, सात, दस, पंद्रह, तीस या साठ दिन में श्रीमद्भागवत का पाठ करे । इससे भोग एवं मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है । एषोऽप्यत्युत्तमः पक्षः सप्ताहो बहुसम्मतः । श्रीवासुदेवप्रीत्यर्थं पठतः पुंस आदरात् ॥ सर्वे पक्षाः सन्ति तुल्या विशेषो नास्ति कश्चन । विशेषोऽस्ति सकामानां कामनाफलभेदतः ॥ बहुत-से ऋषियों ने सप्ताह-पारायण का भी उत्तम पक्ष माना है । केवल भगवान् की प्रीति के लिये सम्पूर्ण पक्ष बराबर हैं । कोई न्यूनाधिक नहीं हैं । फल चाहने वालों के लिये फलभेद से पारायणभेद कहा गया है । (१) निष्काम परायण भगवत्पप्रीत्यर्थ पाठकर्ता ब्राह्मण १ या ५, पारायण-संख्या १०० या १०८ दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 20 49 2 5 23 67 3 7 15* 37 4 9 24* 48 5 10 12 12 6 10 82 70 7 12 13* 52 (२) सप्ताहपारायण (सात दिन का) निष्काम पारायण भगवत्प्रीत्यर्थ दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 20 49 2 5 23 67 3 7 15* 67 4 9 24* 48 5 10 42 42 6 10 90* 48 7 12 13* 44 (३) सप्ताहपारायण (सात दिन का) मोक्षप्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 18 47 2 5 8 54 3 8 7 59 4 10 3 44 5 10 53 50 6 11 9 46 7 12 13* 35 (४) आरम्भ किये हुए कार्य में विघ्ननाश के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण ९, पारायण-संख्या १४० विशेष नियम – प्रतिदिन चतुर्थ स्कन्ध के उन्नीसवें अध्याय (पृथुविजय) का पाठ, पाठ के आरम्भ एवं समाप्ति में करना चाहिये। दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 19 49 2 5 6 51 3 7 10 49 4 9 24 53 5 10 49 49 6 10 90 41 7 12 13 44 (५) सप्ताहपारायण (सात दिनका) विघ्ननाश के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 19 49 2 5 16 61 3 7 10 39 4 9 24 53 5 10 49 49 6 10 90 41 7 12 13 44 (६) सप्ताहपारायण (सात दिनका) धनप्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 9 71 2 6 13 61 3 9 7 52 4 10 34 51 5 10 73 39 6 10 90 17 7 12 13 44 (७) सप्ताहपारायण के प्रयोग (सात दिन के) बान्धवपीडानिवृत्ति और संकटनाश के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण ४, पारायण संख्या १९६ विशेष नियम – प्रतिदिन के आरम्भ एवं समाप्ति में षष्ठ स्कन्ध की देवस्तुति (अ॰ ९, श्लो॰ ३१-४५) का पाठ करना चाहिये । दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 2 10 29 2 4 31 64 3 6 19 45 4 8 24 39 5 10 49 73 6 11 31 72 7 12 13 13 (८) कैद से छुड़ाने के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण ७, पारायण संख्या १४३ विशेष नियम – प्रतिदिन के आरम्भ एवं समाप्ति में दशम स्कन्ध के१०।२९; १९।९; २५।१३; २७।१९; ४९।११ और ७०।२५ — इन ६ श्लोकों का पाठ करना चाहिये । दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 2 10 29 2 4 31 64 3 6 19 45 4 8 24 39 5 10 49 73 6 11 31 72 7 12 13 13 (९) शत्रु पराजय के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण ६, पारायण संख्या १९४ विशेष नियम – प्रतिदिन के आरम्भ एवं समाप्ति में अष्टम स्कन्ध के ‘यज्ञेश यज्ञपुरुष’ (अ॰ १४, श्लो॰ ८) आदि ३ श्लोकों का पाठ करना चाहिये । दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 19 48 2 5 15 60 3 7 15 45 4 10 12 60 5 10 84 72 6 11 31 37 7 12 13 13 (१०) रोगमुक्ति के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण ३, पारायण संख्या १५७ विशेष नियम – प्रतिदिन प्रत्येक अध्याय के आरम्भ में पञ्चम स्कन्ध के नारसिंग मन्त्र (अ॰ १८, श्लो॰ ८) का पाठ करना चाहिये । दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 20 49 2 5 6 50 3 6 19 39 4 9 20 59 5 1 35 39 6 10 85 50 7 12 13 49 (११) पुत्र और स्त्रीप्राप्ति के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण ५, पारायण संख्या १४५ विशेष नियम – प्रतिदिन प्रत्येक अध्याय के आरम्भ एवं अन्त में पञ्चम स्कन्ध के काममन्त्र (अ॰ १८, श्लो॰ १८) का पाठ करना चाहिये । दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 24 53 2 5 3 43 3 7 8 50 4 10 4 59 5 10 55 51 6 11 6 41 7 12 13 38 (१२) निष्कण्टक राज्य के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण १०, पारायण संख्या १९८ विशेष नियम – प्रतिदिन पाठ के आरम्भ एवं समाप्ति में चतुर्थ स्कन्ध की ध्रुवस्तुति (अ॰ ९) का पाठ करना चाहिये । दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 9 71 2 6 13 61 3 9 7 52 4 10 34 51 5 10 73 39 6 10 90 17 7 12 13 44 (१३) एकाहपारायण (एक दिन का) हरिप्रेमप्राप्ति दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 12 13 335 (१४) द्व्यहपारायण (दो दिन का) पराभक्ति-प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 9 13 190 2 12 13 145 (१५) द्व्यहपारायण (दो दिन का) योग-सिद्धि के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 7 15 153 2 12 13 182 (१६) द्व्यहपारायण (दो दिन का) चित्तनिवृत्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 8 16 169 2 12 13 166 (१७) त्र्यहपारायण (तीन दिन का) मोक्षप्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 5 8 101 2 10 12 112 3 12 13 122 (१८) त्र्यहपारायण (तीन दिन का) ऐश्वर्य-प्राप्ति, संसार-बन्धन-मुक्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 7 15 153 2 10 90 138 3 12 13 44 (१९) चतुरहपारायण (चार दिन का) संकट-निवारण के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 18 80 2 6 19 58 3 10 51 114 4 12 13 83 (२०) चतुरहपारायण (चार दिन का) सब प्रकार की कामनाओं की सिद्धि के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 18 80 2 8 7 80 3 10 52 93 4 12 13 82 (२१) चतुरहपारायण (चार दिन का) पापनाश के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 26 88 2 8 19 84 3 10 53 82 4 12 13 81 (२२) चतुरहपारायण (चार दिन का) सद्धर्म की प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 19 81 2 8 14 86 3 10 51 85 4 12 13 83 (२३) पञ्चाहपारायण (पाँच दिन का) दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 4 66 2 6 15 68 3 9 21 64 4 10 64 67 5 12 13 70 (२४) पञ्चाहपारायण (पाँच दिन का) सकल कामना प्राप्ति के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण ९, पारायण संख्या २४२ दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 7 69 2 6 19 69 3 9 24 63 4 10 69 69 5 12 13 65 (२५) षडहपारायण (छः दिन का) धनप्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 4 9 71 2 6 13 61 3 9 7 52 4 10 34 51 5 10 90 56 6 12 13 44 (२६) षडहपारायण (छः दिन का) धनलाभ, कृत्यानाश, उत्पात-शान्ति के लिये पाठकर्ता ब्राह्मण ४, पारायण संख्या १४४ दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 32 61 2 5 14 46 3 8 24 70 4 10 49 73 5 11 29 70 6 12 13 15 (२७) अष्टाहपारायण (आठ दिन का) दरिद्रता नष्ट करने के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 15 44 2 4 21 39 3 6 7 43 4 8 21 48 5 10 23 50 6 10 51 28 7 11 3 42 8 12 13 41 (२८) अष्टाहपारायण (आठ दिन का) रोग से छुटकारा पाने के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 20 49 2 5 6 50 3 6 19 39 4 9 20 59 5 10 35 39 6 10 85 50 7 11 6 11 8 12 13 38 (२९) अष्टाहपारायण (आठ दिन का) भयनिवृत्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 9 38 2 4 16 40 3 6 1 42 4 8 10 43 5 10 1 39 6 10 42 41 7 10 90 48 8 12 13 44 (३०) अष्टाहपारायण (आठ दिन का) अकाल मृत्यु से बचने के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 8 37 2 4 8 33 3 5 24 47 4 8 9 45 5 10 10 49 6 10 56 46 7 11 9 43 8 12 13 35 (३१) नवाहपारायण (नौ दिन का) सुयश-प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 10 39 2 4 2 25 3 5 20 49 4 7 12 37 5 9 8 35 6 10 20 36 7 10 60 40 8 11 8 38 9 12 13 36 (३२) नवाहपारायण (नौ दिन का) कन्या-प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 6 35 2 4 11 38 3 5 16 36 4 7 11 40 5 9 6 34 6 10 21 39 7 10 58 37 8 11 9 41 9 12 13 35 (३३) दशाहपारायण (दस दिन का) ज्ञान-प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 3 6 35 2 4 7 34 3 5 9 33 4 6 19 36 5 8 24 39 6 10 11 35 7 10 45 34 8 10 79 34 9 11 23 34 10 12 13 21 (३४) एकादशाहपारायण (ग्यारह दिन का) मनोकामना की सिद्धि के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 18 18 2 3 22 33 3 4 21 32 4 5 21 31 5 7 8 32 6 9 3 34 7 10 11 32 8 10 48 37 9 10 81 33 10 11 23 32 11 12 13 21 (३५) द्वादशाहपारायण (बारह दिन का) शान्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 2 3 22 2 3 22 29 3 4 16 27 4 5 9 24 5 6 18 35 6 8 17 33 7 9 21 28 8 10 23 26 9 10 48 25 10 10 80 32 11 11 25 35 12 12 13 19 (३६) त्रयोदशाहपारायण (तेरह दिन का) ऋण से छुटकारा पाने के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 2 2 21 2 3 20 28 3 4 13 26 4 5 5 23 5 6 13 34 6 8 11 32 7 9 14 27 8 10 15 25 9 10 39 24 10 10 70 31 11 11 14 34 12 12 1 18 13 12 13 12 (३७) चतुर्दशाहपारायण (चौदह दिन का) सब प्रकार की आपत्तियों से छुटकारा पाने के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 2 6 25 2 3 20 24 3 4 12 25 4 5 5 24 5 6 2 23 6 7 9 26 7 8 18 24 8 9 16 22 9 10 18 26 10 10 41 23 11 10 67 26 12 11 2 25 13 11 23 21 14 12 13 21 (३८) पक्षपारायण (पन्द्रह दिन का) पक्ष, मास और ऋतुपारायण प्रतिपद् तिथि से ही प्रारम्भ किया जाय — यह नियम नहीं है । केवल दिन—संख्या का नियम है । दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 2 4 23 2 3 19 25 3 4 22 36 4 5 16 25 5 6 13 23 6 8 2 23 7 8 24 22 8 9 23 23 9 10 24 25 10 10 48 24 11 10 68 20 12 10 89 21 13 11 6 7 14 12 5 30 15 12 13 8 (३९) पञ्चदशाहपारायण (पन्द्रह दिन का) सब प्रकार की कामना की सिद्धि के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 2 2 21 2 3 15 23 3 4 4 22 4 4 27 23 5 5 18 22 6 6 15 23 7 8 5 24 8 9 6 25 9 10 4 22 10 10 26 22 11 10 49 23 12 10 70 21 13 11 2 22 14 11 25 23 15 12 13 19 (४०) षोडशाहपारायण (सोलह दिन का) बाधाओं की शान्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 18 18 2 3 13 24 3 3 29 16 4 4 19 23 5 5 5 17 6 6 5 26 7 7 8 22 8 8 18 25 9 9 14 20 10 10 17 27 11 10 38 21 12 10 52 14 13 10 81 29 14 11 10 19 15 12 1 22 16 12 13 12 (४१) सप्तदशाहपारायण (सत्रह दिन का) आनन्दवृद्धि के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 2 4 23 2 3 11 17 3 3 26 15 4 4 15 22 5 4 31 16 6 5 25 25 7 7 1 21 8 8 10 24 9 9 5 19 10 10 7 26 11 10 27 20 12 10 40 13 13 10 68 28 14 10 86 18 15 11 17 21 16 12 2 16 17 12 13 11 (४२) अष्टादशाहपारायण (अठारह दिन का) भगवान् की प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 16 16 2 3 8 21 3 3 21 13 4 4 8 20 5 4 23 15 6 5 13 21 7 6 1 14 8 7 2 20 9 8 6 19 10 9 4 22 11 9 24 20 12 10 18 18 13 10 40 22 14 10 59 19 15 10 73 14 16 11 7 24 17 11 25 18 18 12 13 19 (४३) ऊनविंशत्यहपारायण (उन्नीस दिन का) विजयप्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 15 15 2 3 5 19 3 3 17 12 4 4 4 20 5 4 23 19 6 5 6 14 7 5 26 20 8 6 13 13 9 7 13 19 10 8 16 18 11 9 13 21 12 10 8 19 13 10 25 17 14 10 46 21 15 10 64 18 16 10 77 13 17 11 10 23 18 11 28 18 19 12 13 16 (४४) विंशाहपारायण (बीस दिन का) इष्टसिद्धि के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 13 13 2 3 3 19 3 3 14 11 4 3 32 18 5 4 11 12 6 5 1 21 7 5 18 17 8 6 12 20 9 7 8 15 10 8 15 22 11 9 7 16 12 9 16 9 13 10 16 24 14 10 30 14 15 10 40 10 16 10 63 23 17 10 88 25 18 11 6 8 19 12 2 27 20 12 13 11 (४५) एकविंशत्यहपारायण (इक्कीस दिन का) सब प्रकार के उपद्रवों की शान्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 12 12 2 3 1 18 3 3 11 10 4 3 28 17 5 4 6 11 6 4 26 20 7 5 11 16 8 6 4 19 9 6 18 14 10 8 5 21 11 8 20 15 12 9 4 8 13 10 13 23 14 10 16 13 15 10 25 9 16 10 47 22 17 10 71 24 18 11 2 21 19 11 27 25 20 12 3 7 21 12 13 10 (४६) द्वाविंशत्यहपारायण (बाईस दिन का) ज्ञानप्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 11 11 2 2 9 17 3 3 9 10 4 3 25 16 5 4 10 18 6 4 18 8 7 5 3 16 8 5 16 13 9 6 9 19 10 7 4 14 11 8 10 21 12 8 22 12 13 9 18 20 14 10 1 7 15 10 24 23 16 10 33 9 17 10 54 21 18 10 78 24 19 11 8 20 20 11 17 9 21 12 2 16 22 12 13 11 (४७) त्रयोविंशत्यहपारायण (तेईस दिन का) पापनाश के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 10 10 2 2 7 16 3 3 5 8 4 3 20 15 5 3 29 9 6 4 14 18 7 4 28 14 8 5 14 17 9 5 25 11 10 6 18 19 11 7 12 13 12 8 6 9 13 9 3 21 14 9 14 11 15 9 21 7 16 10 17 20 17 10 39 22 18 10 59 19 19 10 81 23 20 10 89 8 21 11 9 10 22 11 24 15 23 12 13 20 (४८) चतुर्विंशत्यहपारायण (चौबीस दिन का) साम्राज्य की प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 11 11 2 2 9 17 3 3 18 19 4 3 32 14 5 4 8 9 6 4 15 7 7 4 26 11 8 5 13 18 9 6 8 21 10 7 8 19 11 8 3 10 12 8 23 20 13 9 7 8 14 10 5 22 15 10 13 8 16 10 23 10 17 10 39 16 18 10 59 20 19 10 76 17 20 10 84 8 21 11 8 14 22 11 20 12 23 12 4 15 24 12 13 9 (४९) पञ्चविंशत्यहपारायण (पच्चीस दिन का) सब प्रकार की बाधाओं की शान्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 8 8 2 1 19 11 3 3 4 14 4 3 11 7 5 3 24 13 6 4 10 19 7 4 25 15 8 5 11 17 9 5 20 9 10 6 2 8 11 6 13 11 12 7 13 19 13 8 9 11 14 8 18 9 15 9 9 15 16 9 16 7 17 10 4 12 18 10 22 18 19 10 37 15 20 10 54 17 21 10 62 8 22 10 75 13 23 11 3 18 24 11 20 17 25 12 13 24 (५०) षड्विंशत्यहपारायण (छब्बीस दिन का) त्रिलोकी के मंगल के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 15 15 2 2 7 11 3 3 13 16 4 3 25 12 5 3 32 7 6 4 12 13 7 5 1 20 8 5 12 11 9 5 25 13 10 6 9 10 11 7 4 14 12 7 13 9 13 8 11 13 14 8 22 11 15 9 16 18 16 10 7 15 17 10 19 12 18 10 35 16 19 10 48 13 20 10 59 11 21 10 72 13 22 10 64 12 23 11 10 16 24 11 21 11 25 12 2 12 26 12 13 11 (५१) सप्तविंशत्यहपारायण (सत्ताईस दिन का) सबमें एकीभाव की प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 18 18 2 2 9 10 3 3 13 14 4 3 20 7 5 3 33 13 6 4 16 16 7 4 28 12 8 5 12 15 9 5 23 11 10 6 6 9 11 6 17 11 12 7 8 10 13 8 5 12 14 8 22 17 15 9 8 10 16 9 24 16 17 10 9 9 18 10 22 13 19 10 38 16 20 10 46 8 21 10 65 19 22 10 80 15 23 10 90 10 24 11 8 8 25 11 23 15 26 12 2 10 27 12 13 11 (५२) अष्टाविंशत्यहपारायण (अट्ठाईस दिन का) किसीको वश में करने के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 7 7 2 1 18 11 3 3 1 12 4 3 15 14 5 3 23 8 6 4 3 13 7 4 18 15 8 4 24 6 9 5 6 13 10 5 13 7 11 5 23 10 12 6 16 19 13 7 13 16 14 8 13 15 15 9 4 15 16 9 13 9 17 10 1 12 18 10 15 14 19 10 32 17 20 10 46 14 21 10 54 8 22 10 65 11 23 10 85 20 24 11 8 13 25 11 15 7 26 11 27 12 27 12 4 8 28 12 13 9 (५३) ऊनत्रिंशदहपारायण (उन्तीस दिन का) विद्या-प्राप्ति के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 5 5 2 1 16 11 3 2 10 13 4 3 12 12 5 3 23 11 6 3 30 7 7 4 8 11 8 4 22 14 9 5 1 10 10 5 12 11 11 5 18 6 12 6 6 14 13 6 18 12 14 7 10 11 15 8 8 13 16 8 17 9 17 9 5 12 18 9 16 11 19 10 4 12 20 10 15 11 21 10 28 13 22 10 44 16 23 10 56 12 24 10 66 10 25 10 77 11 26 11 1 14 27 11 14 13 28 11 30 16 29 12 13 14 (५४) मासपारायण (महीनेभर का) दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 11 11 2 1 19 8 3 2 10 10 4 3 12 12 5 3 24 12 6 3 33 9 7 4 12 12 8 4 23 11 9 4 31 8 10 5 14 14 11 5 26 12 12 6 12 12 13 7 5 12 14 7 15 10 15 8 12 12 16 8 24 12 17 9 13 13 18 9 24 11 19 10 11 11 20 10 21 10 21 10 33 12 22 10 45 12 23 10 57 12 24 10 69 12 25 10 79 10 26 10 90 11 27 11 13 13 28 11 26 13 29 12 5 10 30 12 13 8 (५५) मासपारायण (महीनेभर का) भक्तिप्रद दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 5 5 2 1 16 11 3 2 9 12 4 3 10 11 5 3 23 13 6 4 1 11 7 4 8 7 8 4 22 14 9 5 1 10 10 5 12 11 11 5 21 9 12 6 6 11 13 6 18 12 14 7 10 11 15 8 8 13 16 8 17 9 17 9 5 12 18 9 16 11 19 10 3 11 20 10 15 12 21 10 28 13 22 10 44 16 23 10 56 12 24 10 70 14 25 10 81 11 26 11 1 10 27 11 14 13 28 11 28 14 29 12 7 10 30 12 13 6 (५६) मासपारायण (महीनेभर का) समस्त कामनाओं की सिद्धि के लिये दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 11 11 2 2 2 10 3 3 2 10 4 3 12 10 5 3 23 11 6 4 9 19 7 4 20 11 8 4 22 12 9 5 1 10 10 5 10 9 11 5 20 10 12 6 9 15 13 6 16 7 14 7 7 10 15 8 1 9 16 8 15 14 17 9 4 13 18 9 10 6 19 10 6 20 20 10 17 11 21 10 30 13 22 10 42 12 23 10 54 12 24 10 65 11 25 10 78 13 26 10 87 9 27 11 9 12 28 11 21 12 29 12 2 12 30 12 13 11 (५६) ऋतुपारायण (दो महीने का) दिन विश्रामस्थल-स्कन्ध अध्याय योग अध्याय 1 1 6 6 2 1 11 5 3 1 15 4 4 1 19 4 5 2 6 6 6 2 10 4 7 3 6 6 8 3 11 5 9 3 16 5 10 3 20 4 11 3 24 4 12 3 28 4 13 3 33 5 14 4 7 7 15 4 12 5 16 4 18 6 17 4 24 6 18 4 31 7 19 5 6 6 20 5 11 5 21 5 15 4 22 5 20 5 23 5 26 6 24 6 7 7 25 6 13 6 26 6 19 6 27 7 5 5 28 7 10 5 29 7 15 5 30 8 4 4 31 8 9 5 32 8 14 5 33 8 18 4 34 8 24 6 35 9 5 5 36 9 12 7 37 9 17 5 38 9 24 7 39 10 6 6 40 10 11 5 41 10 17 6 42 10 23 6 43 10 28 5 44 10 33 5 45 10 38 5 46 10 44 6 47 10 49 5 48 10 55 6 49 10 61 6 50 10 68 7 51 10 75 7 52 10 81 6 53 10 88 7 54 11 5 7 55 11 11 6 56 11 18 7 57 11 23 5 58 11 29 6 59 12 5 7 60 12 13 8 ऐसा माना जाता है कि निम्नलिखित स्कन्धों के निम्नलिखित अध्यायों पर विश्राम नहीं करना वाहिये । ऐसा करनेवालों के प्रयोग सिद्ध नहीं होंगे । स्कन्ध अध्याय 1 1,8,10,11,16 2 3,8 3 1,7,10,18,20,23 4 1,3,10,17,18 5 5,13 6 6,10 7 1,4,6,1,2,8,10,21 8 1,4,10,15 9 1,9,10,22,29,30,62,76,77 10 10,22,30 11 9 12 Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. 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