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श्री वीर भैरों शाबर मन्त्र
‘स्व-रक्षा’ और ‘शत्रु-त्रासन हेतु श्री वीर भैरों मन्त्र
“हमें जो सतावै, सुख न पावै सातों जन्म ।
इतनी अरज सुन लीजै, वीर भैरों ! आज तुम ।।
जितने होंय सत्रु मेरे, और जो सताय मुझे ।

वाही को रक्त-पान, स्वान को कराओ तुम ।।
मार-मार खड्गन से, काट डारो माथ उनके ।
मास रक्त से नहावो, वीर-भैरों ! तुम ।।
कालका भवानी, सिंह-वाहिनी को छोड़ ।
मैंने करी आस तेरी, अब करो काज इतनो तुम ।।”

विधिः- सवा सेर बूँदी के लड्डू, नारियल, अगरबत्ती और लाल फूलों की माला से श्री वीर भैरव का पूजन कर २१ दिनों तक नित्य १०८ बार पाठ करें । बाद में आवश्यक होने पर ७ बार नित्य पाठ करते रहें, तो स्वयं की रक्षा होती है और शत्रु-वर्ग का नाश होता है ।

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