January 12, 2016 | aspundir | Leave a comment बहु-जन-हिताय अनुभूत शाबर-मन्त्र सभा-मोहक सुरमा मन्त्र — “कालू मुख धोएँ, करूँ सलाम । मेरी आँखों में सुरमा बसे । जो देखें, सो पायन पड़ें । दुहाई गउसल आज़म–दस्त-गीर की छू: छू: छू: ।” विधि – सवा लाख गेहूँ पर मन्त्र पड़े । आटा पिसाए । कढाई में घृत, शक्कर मिलाकर हलुआ बनाए । ‘गोसुल आजम दस्त-गीर’ की नमाज दिलाकर हलवे को स्वयं ही भोग लगाए । जब सभा में जाए, तब उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित ‘सुरमा’ आँखों में लगाकर जाए, तो सारी सभा वश में हो जायगी । ध्यान रहे कि एक-एक दाने पर एक-एक बार मन्त्र जपना है । सुरमे की शीशी का मुंह खोलकर जप-स्थान में रख ले और उक्त विधि पूर्ण करने के बाद सुरमे को अभिमन्त्रित करके आँख में लगाए । तब सभा में जाए । जो-जो देखेंगे, वे सभी वश में रहेंगे । वर्तमान युग में कोर्ट-कचहरी में या किसी सभा को सम्बोधित करने यदि जाए या कोई महत्व का कार्य करने को जाए तब सुरमा लगाकर ही जाए । कभी कोई शंका-समाधान करने आए, तब भी ऐसा करे । सुरमे के प्रभाव से लोग सद्-भाव और सद्-व्यवहार करेंगे । ‘गोसुल आजम दस्त-गीर की नमाज’ क्या है, यह किसी मस्जिद में जाकर किसी बुजुर्ग या ज्ञानी मौलाना से जान लें । गेहूं के सवा लाख दानों पर साढ़े बारह हजार जप करे, तब भी कार्य होगा । Related