सर्व-विघ्न-हरण मन्त्र
मन्त्रः- “ॐ नमो शान्ते ! प्रशान्ते ! ह्रीं ह्रां सर्व-क्रोधोपशमनी ! स्वाहा ।”

 विधि : (१) शाबर-विधि से उक्त मन्त्र को सिद्ध करे । बाद में प्रति-दिन प्रात: २१ या १०८ बार मन्त्र का स्मरण करे 1 मन्त्र- स्मरण के बाद मुख-प्रक्षालन करे । इससे शेष दिन शान्ति से व्यतीत होगा और सभी विध्न दूर होंगे ।
(२) प्रति-दिन सायं ‘पीपल’-वृक्ष में शरबत डाले । स्वच्छ जल में शर्करा डालकर शरबत बनाए । उक्त मन्त्र का स्मरण कर शरबत पीपल-वृक्ष में डाले । साथ ही पीपल-वृक्ष के नीचे दीपक व अगर-बत्ती भी जलाए । यथा-शक्ति फल-फूल चढ़ाए । यदि यह सब नित्य न कर सके, तो कम-से-कम सप्ताह में एक बार अवश्य करे । इससे प्रयोग- कर्ता को-
१ सभी प्रकार की शान्ति का अनुभव होगा ।
२ सभी प्रकार के विघ्न, बाधाएँ, क्लेश, विपरीत ग्रह-दशा इत्यादि की शान्ति होगी ।
३ कुटुम्ब में सभी की सुरक्षा होगी ।
४ आरोग्य-लाभ होगा ।
जब तक लाभ न हो, तब तक ‘प्रयोग’ करे । आस – पास के मन्दिर में यदि पीपल का वृक्ष हो, तो वहीं जाए । कई लोगों ने उक्त प्रयोग द्वारा शुभ परिणाम प्राप्त किए हैं ।om, ॐ

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