August 16, 2015 | aspundir | Leave a comment शाबर मन्त्रों को सिद्ध कैसे करें ? १॰ शाबर-मन्त्रों की साधना’ के पूर्व निम्न-लिखित ‘सर्वार्थ-साधक-मन्त्र’ को २१ बार जप लेना चाहिए- “गुरु सठ गुरु सठ गुरु हैं वीर, गुरु साहब सुमरौं बड़ी भाँत। सिङ्गी टोरीं बन कहौं, मन नाऊँ करतार। सकल गुरु की हर भजे, घट्टा पकर उठ जाग, चेत सम्भार श्री परम-हंस।” २॰ इसके पश्चात गणेश जी का ध्यान कर ‘वक्र-तुण्डाय हुं’ मन्त्र का जप करना चाहिए। ३॰ फिर निम्न-लिखित मन्त्र से ‘दिग्-बन्धन’ करना चाहिए- “वज्र-क्रोधाय महा-दन्ताय दश-दिशो बन्ध बन्ध, हूँ फट् स्वाहा।” 4॰ तब जिस मन्त्र को सिद्ध करना हो, उसका जप करना चाहिए। साधना-रक्षक-मन्त्र प्रयोग “ॐ नमो सर्वार्थ-साधिनी स्वाहा” विधि- उक्त ११ अक्षरों के मन्त्र को शुभ मुहूर्त्त में १००० बार जपें। १ माला जप के साथ हवन करें अथवा ग्रहण-काल में १२,५०० जप कर हवन-तर्पण-मार्जन और ब्रह्म-भोज करें। फिर आवश्यकता पड़ने पर जब किसी शाबर-मन्त्र का अनुष्ठान करें, तब अपने आस-पास उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित किए हुए जल से रेखा खींच ले। अथवा २७ या १०८ बार उक्त मन्त्र पढ़कर जल को अभिमन्त्रित करे और अपने चारों ओर छिड़क लें। इसके बाद साध्य शाबर-मन्त्र की साधना श्रद्धा-विश्वास से करें। साधना की सभी बाधाएँ तो दूर होंगी ही, साथ ही सफलता भी प्राप्त होगी। Please follow and like us: Related