September 1, 2015 | aspundir | Leave a comment सिद्ध तांत्रिक टोटके १॰ हाथी की लीद को चाँदी के ताबीज में भरकर छोटे बच्चे के गले में पहना दें, तो उस बच्चे को बुरी नजर का दोष नही लगता। २॰ रविवार या मंगलवार के दिन अश्विनी नक्षत्र में घोड़े के नाखून को आग में जलाकर उसका धुआँ भूत-प्रेत बाधा ग्रसित रोगी को देने से उसे ऊपरी बाधा से सहज में ही मुक्ति मिल जाती है। ३॰ लहसुन के रस में हींग घोलकर वह घोल ऊपरी बाधाग्रस्त रोगी को सुंघाया जाए तो ऊपरी हवा तथा किसी अला-बला का प्रकोप समाप्त हो जाएगा। ४॰ जिस किसी स्थान पर अथवा किसी बिल में से बहुत अधिक मात्रा में कीड़े-मकोड़े निकल रहे हों तो उस स्थान या बिल पर अपने बाएँ पाँव का जूता या जूती उल्टा रख देने से वे सारे कीड़े-मकोड़े तुरन्त ही उस बिल में वापस चले जाएँगे। ५॰ कुश (कुशा) की बनी हुई चटाई पर प्रतिदिन सोने से स्त्रियों की मूत्र सम्बन्धी समस्त शिकायतें दूर हो जाती है। ६॰ यदि किसी को नजर लग जाने के कारण वह अस्वस्थ हो गया हो, तो फिटकरी का एक टुकड़ा लेकर, उसके ऊपर चारों ओर सात बार घुमाकर उस टुकड़े को जलते हुए चूल्हे में डाल दिया जाए। यह क्रिया एक ही दिन में तीनों समय करने से, नजर दोष दूर हो जाता है। ७॰ जिन लोगों का दिल कमजोर हो अथवा जो लोग सदैव भयभीत बने रहते हों, वे “संगे-यशब” के नगीने को चांदी के लॉकेट में इस प्रकार से जड़वाकर धारण करें कि नगीना आगे-पीछे से खुला रहे। ८॰ रविवार के दिन सफेद धतूरे को लाकर पुरुष के दाहिने हाथ में और स्त्री हो तो बाएँ हाथ में सफेद धागे के सहारे बांध देने से कैसा भी विषम ज्वर या बुखार हो, एक ही दिन में उतर जाएगा। ९॰ घोड़े की लीद को सुखाने के बाद उसे जलाकर, उसकी भस्म को तिल के तेल में मिलाकर बालों में नियमित रुप से लगाने से सिर के बाल काले, घने, चमकदार और बहुत अधिक लम्बे होने लगते हैं। १०॰ लोबान के पौधे की जड़ को सूत में पिरोकर, गले में धारण करने से असाध्य से असाध्य खांसी का रोग भी दूर हो जाता है। ११॰ बिजौरे की जड़ और धतूरे के बीज को प्याज के साथ महीन पीसकर जिसे भी सुंघाया जाएगा, वह सदैव के लिए वशीभूत हो जाएगा। Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe