सुपारी-मोहनी मन्त्र
“खरी सुपारी टामनगारी, राजा-प्रजा खरी पियारी, मन्त्र पढ़कर लगाऊँ, तो रही या कलेजा लावे तोड़, जीवत चाटे पगथली, मूवे सेवस मसान, या शब्द की यारी न लावे, तो जती हनुमान की आज्ञा न माने। शब्द साँचा, पिण्ड काचा, फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।”

विधिः- सूर्य-ग्रहण के दिन स्नानादि कर ७ समूची सुपारियों को धोकर पात्र में रखें तथा आसन पर बैठकर गूगल की धूनी और घी के दीपक से उनकी पूजा करें। इसके बाद १०८ बार उक्त मन्त्र का जप करें।
यदि ‘ग्रहण’ का दिन न मिले, तो ‘रवि-पुष्य’ योग से २१ दिनों तक नित्य सुपारियों की पूजा तथा १०८ बार मन्त्र का जप करें। इस क्रिया से सुपारियाँ मन्त्र-शक्ति से सम्पन्न हो जाएँगी। बाद में जब यह सुपारी ७ बार मन्त्र पढ़कर जिसे खिलाई जाएगी, वही मोहित होकर वश में हो जाएगा।

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