January 21, 2016 | Leave a comment अभीष्ट देवता का आकर्षण मुजपफरनगर जिले के पश्चिमी भाग में ‘झिझाना’ नाम का कस्बा है । उस कस्बे के अन्तर्गत यमुना किनारे ‘बिडौली,-ग्राम बसा हुआ है । यहीं पर एक अत्यन्त प्राचीन चमत्कारिक मजार है, जो जङ्गल में बनी हुई है । प्रत्येक वर्ष के ज्येष्ठ मास के आरम्भ मे यहाँ बड़ा मेला लगता है । इस अवसर पर अनेक चमत्कार आँखों से देखे जा सकते हैं । इस मजार को ‘बिडौली के पीर’ या ‘सैय्यद’ के नाम से लोग जानते हुंऐ । मन्त्र इस प्रकार है– vaficjagat “हरि ओइम् शिव-शिव । हम वो सैय्यद हैं, जो बिडौली जमना जी के बीच में रहते हैं । हम वो इन्सान हैं, जो मुसीबत में काम आ सकते हैं । जो कोई दई-देवता-रूप धारण बदलने के अनुसार प्रकट नहीं हो सकता, तो हमारी कब्र के उपर दाईं तरफ बैठना, दाईं हाथ में माला रखना । आँख मीच कर यह कहना – ला इलाहा इल्ला, अल्ला सुभाहा नका इन्नी कुन्तो मैतज जुआले मीन ।।” विधि — मन्त्र के गर्भ मे ही विधि वर्णित है । यह प्रयोग चालीस दिन का है । समय रात्रि के ९ बजकर १० मिनट पर, दिन गुरुवार । मन्त्र-जप एक माला । Related