अकबरी फालनामा इस फालनामे के जरिये आप अपनी मनोकामनाओं के परिणाम के विषय में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । पूर्ण श्रद्धा के साथ अपनी फाल निकालें और उसका परिणाम जान लें ।… Read More


ख्वाबनामा यह नहीं है कि ख्वाब सिर्फ निद्रावस्था में ही दिखाई देते हों, अपितु जाग्रतावस्था में भी उतनी ही सरलता से ख्वाब देखे जा सकते हैं । फर्क सिर्फ इतना होता है कि जाग्रतावस्था में हम अपनी इच्छानुसार ख्वाब देख सकते हैं जबकि निद्रावस्था में देखे जाने वाले ख्वाबों पर हमारा या हमारे मन का… Read More


हजरत गौसुल आजम का फालनामा यह फालनामा हजरत गौसुल आजम ने तैयार किया था । इस फालनामे को मुसलमानों में अत्यधिक आदर-सम्मान और मान-प्रतिष्ठा दी जाती है । फालनामा देखने की विधि – सर्वप्रथम प्रश्नकर्ता स्नान-ध्यान, पूजा-पाठ इत्यादि से निबटकर शुद्ध मन से पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनी आंखें बंद करके किसी भी… Read More


जाने मूक प्रश्न – अंक ज्योतिष  मूक-प्रश्न का अर्थ है, प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नों को उच्चारित किए बिना ही ज्योतिर्विद् द्वारा उसे जान लेना । इस प्रकार इसमें प्रश्नकर्ता ‘मूक’ रहकर अर्थात् बिना बोले प्रश्न करता है । ज्योतिर्विद् एक प्रकार से उसके मस्तिष्क को पढ़कर प्रश्न की जानकारी प्राप्त करता है । प्रश्न ज्योतिष में… Read More


दैनिक भविष्यफल  : अंक ज्योतिष दैनिक अंक निकालने की विधि 1. जन्मतिथि, 2. जन्म महीना, 3. वर्तमान वर्ष, 4. वर्तमान महीना, 5. वर्तमान तिथि (जिस तिथि का भविष्य जानना है, वह दिनांक)। उपर्युक्त सभी को जोड़कर इसका मूलांक बना लें । यही दैनिक अंक होगा । उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति की जन्मतिथि 03-12-1994 है… Read More


जानें खोई हुई वस्तु – अंक ज्योतिष से सेफेरियल ने खोई हुई वस्तु के सम्बन्ध में अंक-ज्योतिष की एक विधि का उल्लेख किया है । वस्तुतः यह विधि मूक-प्रश्न की भाँति है । इस प्रकार इस विधि में भी पृच्छक से 0 से 9 अंक 9 बार पूछकर लिखने हैं और उन अंकों के योगफल… Read More


 पासावली प्रश्न चक्रम् ( महावीर प्रश्नावली ) यह पासावली-प्रश्न-चक्रम् महर्षि गर्गाचार्य द्वारा रचित है । यह एक मूक प्रश्न पासावली है, जिसके द्वारा प्रश्न का भाव क्या सोचा गया है तथा उसका प्रश्न फल कैसा घटित होगा ? इस बात की तत्क्षण जानकारी हो जाती है । यह एक चमत्कारी प्रश्नफल विधि है । विधिः—… Read More


नक्षत्र चरण व उनका विस्तार चरणाक्षर आदि  क्र. सं. चरण विस्तार नवमांश चरणाक्षर स्वामी क्र. नक्षत्र विस्तार स्वामी देवता 1 प्रथम 0°.00′ से 3°.20′ मेष चू मंगल 1 अश्विनी 0°.00′ से 13°.20′ केतु अश्विनी कुमार 2 द्वितीय 3°.20’से 6°.40′ वृष चे शुक्र “ “ “ “ 3 तृतीय 6°.40’से 10°.00′ मिथुन चो बुध “ “… Read More


आनन्द आदि योगों का ज्ञान एवं फल देखने की विधि इस प्रकार है – रविवार को यदि अश्विनी नक्षत्र है तो “आनन्द योग” इसी प्रकार भरणी नक्षत्र है तो “काल दण्ड योग” होगा – तदनुसार शेष वार व नक्षत्र के योग और उनके फल जाने जा सकते हैं । विशेष- इन योगों के निर्धारण हेतु अभिजित… Read More