पितृसूक्त ॥ पितृसूक्त ॥ ऋग्वेदके १० वें मण्डलके १५वें सूक्तकी १-१४ ऋचाएँ ‘पितृसूक्त’ के नामसे ख्यात हैं । पहली आठ ऋचाओं में विभिन्न स्थानों में निवास करनेवाले पितरों को हविर्भाग स्वीकार करने के लिये आमन्त्रित किया गया है । अन्तिम छः ऋचाओं में अग्नि से प्रार्थना की गयी है कि वे सभी पितरों को साथ लेकर… Read More
अभीष्ट फलदायक बाह्य शान्ति सूक्त अभीष्ट फलदायक बाह्य शान्ति सूक्त (कुल-देवता की प्रसन्नता के लिए अमोघ अनुभूत सूक्त) नमो वः पितरो, यच्छिव तस्मै नमो, वः पितरो यतृस्योन तस्मै । नमो वः पितरः, स्वधा वः पितरः ॥ 1 ॥ नमोऽस्तु ते निर्ऋर्तु, तिग्म तेजोऽयस्यमयान विचृता बन्ध-पाशान् । यमो मह्यं पुनरित् त्वां ददाति । तस्मै यमाय नमोऽस्तु मृत्यवे ॥ 2 ॥ नमोऽस्त्वसिताय,… Read More
भगवान् श्रीकृष्ण से सर्वमनोकामना पूर्ति हेतु सरल अनुष्ठान भगवान् श्रीकृष्ण से सर्वमनोकामना पूर्ति हेतु सरल अनुष्ठान मन्त्रः- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नमो भगवते राधाप्रियाय राधारमणाय गोपीजनवल्लभाय ममाभीष्टं पूरय पूरय हुं फट् स्वाहा ॥… Read More
श्रीराधाजी का आश्रय एवं लौकिक समृद्धि पाने हेतु सरल अनुष्ठान श्रीराधाजी का आश्रय एवं लौकिक समृद्धि पाने हेतु सरल अनुष्ठान कृपयति यदि राधा बाधिताशेषबाधा किमपरमवशिष्टं पुष्टिमर्यादयोर्मे । यदि वदति च किंचित् स्मेरहासोदितश्रीद्विजवरमणिपङ्क्त्या मुक्तिशुक्त्या तदा किम् ॥ श्यामसुन्दर शिखण्डशेखर स्मेरहास्य मुरलीमनोहर । राधिकारसिक मां कृपानिधे स्वप्रियाचरणकिङ्करीं कुरु ॥… Read More
भगवान् श्रीकृष्ण के दर्शन के लिये सरल अनुष्ठान भगवान् श्रीकृष्ण के दर्शन के लिये लौकिक सरल अनुष्ठान (१) कच्चित्तुलसि कल्याणि गोविन्दचरणप्रिये । सह त्वालिकुलैर्बिभ्रद् दृष्टस्तेऽतिप्रियोऽच्युतः ॥ (श्रीमद्भागवत १० । ३०। ७)… Read More
श्रीराधा-माधवप्रेमकी प्राप्तिके लिये लौकिक सरल अनुष्ठान श्रीराधा-माधवप्रेमकी प्राप्तिके लिये लौकिक सरल अनुष्ठान साधक भक्त स्नान करनेके बाद श्रीराधामाधव- प्रेमप्राप्तिके लिये सर्वप्रथम भगवान् श्रीराधामाधव के युगलस्वरूपवाले किसी मनभावन चित्रपट को सामने रखकर उसका पंचोपचार पूजन करे, तत्पश्चात् शुद्ध वस्त्र धारणकर, शुद्ध आसनपर बैठकर श्रीमद्भागवत के निम्नलिखित चारों श्लोकों (१०। ३३ । २२-२५) को, श्रीमद्भागवत के ही निम्नलिखित (१०।३३। ४०) श्लोक के द्वारा… Read More
रक्षा बन्धन विधि रक्षा बन्धन विधि शुद्ध होकर आसन पर बैठे । फिर ‘गायत्री – मन्त्र’ से ‘आचमन करे । आयुष्य, शुभ, शान्ति – प्राप्ति हेतु गौरी – सहित कश्यप आदि सप्त – ऋषियों का श्रद्धा – पूर्वक ‘आवाहन’ कर उन्हें प्रतिष्ठित करे । यथा – साम्वत्सरिक – योग – क्षेमार्थ गौर्या – सह कश्यपादि – सप्त –… Read More
श्रीनृसिंह पूजन विधि श्रीनृसिंह पूजन विधि नृसिंह जयन्ती इस वर्ष 17 मई 2019 को है । वैष्णव भक्तों को इस दिन नृसिंह जी की षोडशोपचार विधि से पूजा-अर्चना करनी चाहिए । इस दिन भगवान् नृसिंह की पूजा करने से उनकी विशिष्ट कृपा प्राप्त होती है । पूजन विधि:- पूजाकक्ष या किसी अन्य कक्ष में चौकी पर पीला रेशमी… Read More
शत्रुबाधा निवारण हेतु नृसिंह कवच प्रयोग शत्रुबाधा निवारण हेतु नृसिंह कवच प्रयोग सर्वप्रथम दाहिने हाथ में जल लेकर निम्नलिखित विनियोग का पाठ करें :- विनियोगः- “ॐ अस्य श्रीनृसिंह कवच मन्त्रस्य प्रजापतिर्ऋषिः गायत्रीश्छन्दः नृसिंह देवता, क्ष्रौं बीजं, मम सर्वारिष्ट च शत्रुक्षयाय पूर्वकं ममाभीष्ट सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ॥” ध्यान :- हाथ में पुष्प लेकर भगवान् नृसिंह का निम्नलिखित श्लोक से ध्यान करें :… Read More
जानकी नवमी से करें शीघ्र विवाह हेतु जानकी मंगल प्रयोग जानकी नवमी से करें शीघ्र विवाह हेतु जानकी मंगल प्रयोग शीघ्र विवाह के लिए जहाँ गौरी और शंकर की पूजा की जाती है, वहीं दूसरी ओर जानकी और श्रीराम की भी पूजा-उपासना की जाती है । माता जानकी की कृपा से न केवल शीघ्र विवाह होता है, वरन् अच्छे वर की भी प्राप्ति होती है… Read More