भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ३ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय ३ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — द्वितीय भाग) अध्याय – ३ स्वामी एवं सेवक की परस्पर भक्ति का आदर्श (राजा रूपसेन तथा वीरवर की कथा) शौनक ने कहा — महाभाग, श्रेष्ठविप्रवृन्द ! सुन्दर गाथा कह रहा हूँ सुनो ! वैताल ने उस… Read More
भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय २ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — द्वितीय भाग) अध्याय – २ पति कौन ? (मधुमती की कथा) सूत जी बोले— द्विजसत्तम ! उस वैताल ने प्रसन्नतापूर्ण होकर प्रसन्नचित्त वाले उस राजा से कहा । जो उस समय महासिंहासन पर सुशोभित हो रहा… Read More
भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व द्वितीय – अध्याय १ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — द्वितीय भाग) अध्याय – १ सबसे अधिक पाप का भागी कौन (पद्मावतीकथा) सूतजी बोले — महाकालेश्वर में स्थित उस वैताल ने मन में शिवजी को स्थापित कर राजा से कहा — राजन्, विक्रमादित्य ! मैं एक… Read More
भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ७ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ७ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — प्रथम भाग) अध्याय – ७ महाराज विक्रमादित्य के चरित्र का उपक्रम सूतजी बोले — शौनक ! चित्रकूट पर्वत के आस-पास के क्षेत्र (प्राय: आज के पुरे बुन्देलखण्ड एवं बघेलखण्ड) में परिहार नामका एक राजा हुआ ।… Read More
भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ६ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ६ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — प्रथम भाग) अध्याय – ६ काश्यप के उपाध्याय, दीक्षित आदि दस पुत्रों का नामोल्लेख, मगध के राजवंश और बौद्ध राजाओं का तथा चौहान और परमार आदि राजवंशों का वर्णन शौनकजी ने कहा — महाराज ! ब्रह्मावर्त… Read More
भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ४ से ५ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ४ से ५ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — प्रथम भाग) अध्याय – ४ से ५ म्लेच्छवंशीय राजाओं का वर्णन तथा म्लेच्छ-भाषा आदि का संक्षिप्त परिचय शौनक ने पूछा — त्रिकालज्ञ महामुने ! उस प्रद्योत ने कैसे म्लेच्छ-यज्ञ किया ? मुझे यह सब… Read More
भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ३ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय ३ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — प्रथम भाग) अध्याय – ३ द्वापरयुग के चन्द्रवंशीय राजाओं का वृतान्त महर्षि शौनक ने पूछा — लोमहर्षणजी ! आप यह बताइये कि महाराज संवरण… Read More
भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय २ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय २ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — प्रथम भाग) अध्याय – २ त्रेतायुग के सूर्य एवं चन्द्र-राजवंशो का वर्णन सूतजी बोले — महामुने ! वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में बृहस्पतिवार के दिन महाराज सुदर्शन अपने परिकरों के साथ हिमालयपर्वत… Read More
भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय १ भविष्यपुराण – प्रतिसर्गपर्व प्रथम – अध्याय १ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (प्रतिसर्गपर्व — प्रथम भाग) अध्याय – १ सत्ययुग के राजवंश का वर्णन “नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् । देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत् ॥” ‘भगवान् नर-नारायण के अवतार-स्वरुप भगवान् श्रीकृष्ण एवं उनके सखा नरश्रेष्ठ अर्जुन, उनकी लीलाओं को… Read More