भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय – अध्याय २० ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — तृतीय भाग) अध्याय – २० दिव्य, भौम एवं अन्तरिक्षजन्य उत्पात तथा उनकी शान्तिके उपाय सूतजी कहते हैं — ब्राह्मणो ! अब मैं विविध प्रकार के अपशकुनों, उत्पातों एवं उनके फलों का वर्णन कर रहा हूँ ।… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय – अध्याय १८ से १९ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — तृतीय भाग) अध्याय – १८ से १९ एकाह-प्रतिष्ठा तथा काली आदि देवियों की प्रतिष्ठा-विधि सूतजी ने कहा — ब्राह्मणों ! कलियुग में अल्प सामर्थ्यवान् व्यक्ति देवता आदि की प्रतिष्ठा एक दिन में भी कर… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय  – अध्याय १४ से १७ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — तृतीय भाग) अध्याय – १४ से १७ पुष्पवाटिका तथा तुलसी की प्रतिष्ठा-विधि सूतजी कहते हैं — ब्राह्मणो ! पुष्पवाटिका की प्रतिष्ठा में तीन हाथ की एक वेदी का निर्माण कर उस पर घट की… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय – अध्याय १२ से १३ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — तृतीय भाग) अध्याय – १२ से १३ मण्डप, महायूप और पौंसले आदि की प्रतिष्ठा-विधि सूतजी कहते हैं — द्विजगणो ! अब मैं यागादि के निमित निर्मित होनेवाले मण्डपकी प्रतिष्ठा-विधि बतलाता हूँ । वह मण्डप… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय  – अध्याय ९ से ११ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — तृतीय भाग) अध्याय – ९ से ११ वट, बिल्व तथा पूगीफल आदि वृक्ष-युक्त उद्यान की प्रतिष्ठा-विधि सूतजी कहते हैं — ब्राह्मणो ! वट वृक्ष की प्रतिष्ठा में वृक्ष के दक्षिण दिशा में उसकी जड़… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय – अध्याय ४ से ८ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — तृतीय भाग) अध्याय – ४ से ८ अश्वत्थ, पुष्करिणी तथा जलाशय के प्रतिष्ठा की विधि सूतजी बोले — ब्राह्मणो ! अश्वत्थ-वृक्ष की प्रतिष्ठा करनी हो तो उसकी जड़ के पास दो हाथ लम्बी-चौड़ी एक… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय  – अध्याय २ से ३ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — तृतीय भाग ) अध्याय – २ से ३ गोचर-भूमि के उत्सर्ग तथा लघु उद्यानों की प्रतिष्ठा-विधि सूतजी कहते हैं — ब्राह्मणों ! अब मैं गोचर-भूमि के विषयमें बता रहा हूँ, आप सुनें । गोचर… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व तृतीय भाग – अध्याय १ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — तृतीय भाग) अध्याय – १ उद्यान-प्रतिष्ठा-विधि सूतजी कहते हैं — ब्राह्मणों ! उद्यान आदि की प्रतिष्ठा में जो कुछ विशेष विधि है, अब उसे बता रहा हूँ, आपलोग सुनें । सर्वप्रथम एक चौकोर मण्डल की… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व द्वितीय – अध्याय १९ से २१ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — द्वितीय भाग) अध्याय – १९ से २१ प्रतिष्ठा-मुहूर्त एवं जलाशय आदिकी प्रतिष्ठा-विधि सूतजी कहते हैं — ब्राह्मणों ! ऋषियों ने देवता आदि की प्रतिष्ठा माघ, फाल्गुन आदि छः मास नियत किये हैं । जब… Read More


भविष्यपुराण – मध्यमपर्व द्वितीय – अध्याय १७ से १८ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — द्वितीय भाग) अध्याय – १७ से १८ अधिवासन-कर्म एवं यज्ञ-कर्म में उपयोज्य उत्तम ब्राह्मण तथा धर्मदेवता का स्वरूप सूतजी कहते हैं — ब्राह्मणों ! देव-प्रतिष्ठा के पहले दिन देवताओं का अधिवासन करना चाहिये और… Read More