अभिचार-नाशक मन्त्र 03 अभिचार-नाशक मन्त्र मन्त्रः- “काली-काली, महा-काली । ब्रह्मा की बेटी, इन्द्र की साली । दोनों हाथ बजावे ताली । हङ्किनी – डङ्किनी को भस्म करे । अल्लाह-बिसमिल्लाह को भस्म करे । नौ नाथ, चौरासी सिद्धों को भस्म करे । नौ नारसिंह, सोलह सींडुओं को भस्म करे । बावन वीर, चौंसठ योगिनी को भस्म करे । अस्सी… Read More
अभिचार-नाशक मन्त्र 02 अभिचार-नाशक मन्त्र मन्त्रः- “हनुमान वीर बैठे मसान, जो मन भावे सो प्रमाण । पञ्जे अङ्गी, पञ्जे मुट्ठी । छेवाँ गुग्गल, होया प्रकाश । मोहनी-दोहनी दोनों बहनाँ, हत्थ में तक्की तेल- कड़ावाँ । तेल हमारे मुख में चढ़े । सार का तड़ाग, रूपे का लँगोट । हनुमान वीर सुत्ते ताँ जाग हमारे पास । भूत-प्रेत को… Read More
अभिचार-नाशक मन्त्र 01 अभिचार-नाशक मन्त्र मन्त्रः- “अग्नि का घोड़ा, बिजली की लगाम, जहाँ चढ़े हनुमान वीर, पठान लाल खान-जवान । क्या करता आया? भन्न के भसूड़ी, कढ़ के कलेजा, उस दुश्मन का खाया । जिसने ‘फलाने’ पर बार चलाया । सवा घड़ी में उसका स्यापा पाया । देखां हनुमान वीर, पठान लाल खान- जवान, तेरे इल्म चोट का… Read More