पितृ दोष शान्ति के उपाय पितृदोष का नाम सुनते ही व्यक्ति चिंतित हो उठता है और अपनी सभी समस्याओं एवं कष्टों के कारण के रूप में उसी दोष को देखने लगता है । साथ ही उसके उपाय के लिए वह चाहता है कि कोई एक पूजा करवा दे, जिससे उसे इस दोष से छुटकारा मिल… Read More


व्यापार-वर्धन मन्त्रः- “भँवर वीर तू चेला मेरा, खोल दुकान कहा कर मेरा । उठै जो डण्डी बिके जो माल, भँवरवीर, सोखे नहिं जाय ।।”… Read More


दारिद्र्य-दहन-विधि 1. विनियोगः- ॐ अस्य श्रीकनक-धारा-स्तोत्र-मन्त्रस्य भगवान् शंकर ऋषिः, जगती छन्दः, श्री महा-लक्ष्मी-भुवनेश्वरी देवता, श्रीं वीजं, ह्रीं शक्तिः, ऐं कीलकं, मम समस्त-दारिद्र-दुखः-निवारण-पूर्वक धनाकर्षण-पाठे विनियोगः । 2. ऋष्यादि-न्यासः- भगवान् शंकर ऋषये नमः शिरसि, जगती छन्दसे नमः मुखे, श्री महा-लक्ष्मी-भुवनेश्वरी देवतायै नमः हृदि, श्रीं वीजाय नमः गुह्ये, ह्रीं शक्तये नमः पादयो, ऐं कीलकाय नमः नाभौ, मम समस्त-दारिद्र-दुखः-निवारण-पूर्वक… Read More


उलटने का मन्त्र “ॐ उलटत नरसिंह, पलटत काया। ऐही ले नरसिंह तोहे बुलाया। जो मोर नाम करत, सो मरत-परत। भैरो चक्कर में, उलटी वेद उसी को लागे। कार दुहाई, बड़े वीर नरसिहं की दुहाई। कामरु कामाख्या देवी की दुहाई। अष्ट-भुजी देवी कालिका की दुहाई। शिव सत्-गुरु के वन्दे पायो।”… Read More


बंधी दूकान कैसे खोलें ? कभी-कभी देखने में आता है कि खूब चलती हुई दूकान भी एकदम से ठप्प हो जाती है । जहाँ पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ती थी, वहाँ सन्नाटा पसरने लगता है । यदि किसी चलती हुई दुकान को कोई तांत्रिक बाँध दे, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, अतः इससे बचने… Read More


गोपालाक्षय कवचम् गर्भपात की आशंका होने पर या बार-बार गर्भपात होने की स्थिति में निम्न स्तोत्र का पाठ नियमित करना चाहिये । ।। श्री गणेशाय नमः ।। ।। श्रीनारद उवाच ।। इन्द्राद्यमरवर्गेषु ब्रह्मन्यत्परमाऽद्भुतम् । अक्षयं कवचं नाम कथयस्व मम प्रभो ।। १ ।। यद्धृत्वाऽऽकर्ण्य वीरस्तु त्रैलोक्य विजयी भवेत् ।… Read More


शनि साढ़े-साती निवारण १॰ किसी छोटे मिट्टी के बर्तन में या मोटा मजबूत कपड़े में २५० ग्राम तम्बाकू (बनाकर या बना हुआ खरीद कर) तथा ५०० ग्राम तेल डालकर उस बर्तन या कपड़े में नीचे एक छोटा-सा छेद करें तथा उसको शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर बाँध दें । फिर ५ सप्ताह तक… Read More


ग्रह-बाधा-शान्ति मन्त्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं दह दह।” विधि- सोम-प्रदोष से ७ दिन तक, माल-पुआ व कस्तुरी से उक्त मन्त्र से १०८ आहुतियाँ दें। इससे सभी प्रकार की ग्रह-बाधाएँ नष्ट होती है।… Read More


श्रीकृष्ण कीलक एक बार माता पार्वती कृष्ण बनी तथा श्री शिवजी माँ राधा बने। उन्हीं पार्वती रूप कृष्ण की उपासना हेतु उक्त ‘कृष्ण-कीलक’ की रचना हुई। … Read More


सर्व-संकटहारी-प्रयोग “सर्वा बाधासु, वेदनाभ्यर्दितोऽपि। स्मरन् ममैच्चरितं, नरो मुच्यते संकटात्।। ॐ नमः शिवाय।” उपर्युक्त मन्त्र से ‘सप्त-श्लोकी दुर्गा’  का एकादश अर्थात् ११ बार सम्पुट-पाठ करने से सब प्रकार के संकटों से छुटकारा मिलता है। प्रत्येक ‘पाठ’ करने के बाद उक्त ‘सम्पुट-मन्त्र’ के अन्त में “स्वाहा” जोड़कर एकादश बार निम्न-लिखित वस्तुओं से हवन करेः-… Read More