श्रीहनुमत जंजीरा (१) “ॐ गुरु जी । हनुमान पेलवान । बारे बरस का जुवान, हाथ में गदा – मुख में पान । ज्याँ समरूँ, त्याँ आगेवान । लुवे की पेटी – वज्र का ताला, पापी पाखण्डी का मुँह काला । जती सति का बोल – बाला, हमेरा पण्ड की रक्षा करो श्रीबजरङ्गवाला । सबद साचा,… Read More