नक्षत्र चरण व उनका विस्तार चरणाक्षर आदि नक्षत्र चरण व उनका विस्तार चरणाक्षर आदि क्र. सं. चरण विस्तार नवमांश चरणाक्षर स्वामी क्र. नक्षत्र विस्तार स्वामी देवता 1 प्रथम 0°.00′ से 3°.20′ मेष चू मंगल 1 अश्विनी 0°.00′ से 13°.20′ केतु अश्विनी कुमार 2 द्वितीय 3°.20’से 6°.40′ वृष चे शुक्र “ “ “ “ 3 तृतीय 6°.40’से 10°.00′ मिथुन चो बुध “ “… Read More
आनन्द आदि योगों का ज्ञान एवं फल आनन्द आदि योगों का ज्ञान एवं फल देखने की विधि इस प्रकार है – रविवार को यदि अश्विनी नक्षत्र है तो “आनन्द योग” इसी प्रकार भरणी नक्षत्र है तो “काल दण्ड योग” होगा – तदनुसार शेष वार व नक्षत्र के योग और उनके फल जाने जा सकते हैं । विशेष- इन योगों के निर्धारण हेतु अभिजित… Read More
तिथि वार व नक्षत्र के योग तिथि वार व नक्षत्र के योग क्र॰सं॰ योग रवि सोम मंगल बुध गुरु शुक्र शनि विशेष 1. सिद्धी योग जया भद्रा पूर्णा नन्दा रिक्ता सब दोषों का नाश करता है तिथि (३, ८, १३) (2, ६, १२) (५, १०, १५) (१, ६, ११) (४, ९, १४) 2 मृत्यु योग (अधम योग) नन्दा तिथि भद्रा… Read More