उत्तम खेती के लिए मन्त्र किसान बन्धुओं के लिए मन्त्र उत्तम खेती के लिए मन्त्र मन्त्रः- “ॐ नमो आदेश । गुरु जी को आदेश । आनिल देवी । आगच्छ आगच्छ । साईं गोरखनाथ की द्वाही । शुरू की शक्ति, मेरी भक्ति । चले मन्त्र, ईश्वरी वाचा । गुरू गोरख- नाथ फा शब्द सच्चा ।।”… Read More
नाथ-पन्थीय टोटके नाथ-पन्थीय टोटके (१) चूहे का उपद्रव बन्द करना :- ऊँट के बाएँ पैर का नाखून अनुराधा, पुष्य या उत्तरा नक्षत्र में लाकर घर में जलाएं । सभी चूहे भाग जाएंगे ।… Read More
नव-नाथ का मन्त्र नव-नाथ का मन्त्र मन्त्रः- “ॐ आदेश, गुरू जी को आदेश । ओङ्कार – रूपी आदि-नाथ आकाश-स्वरूपी । सन्तोषनाथ विष्णु खण्डा खड्ग-स्वरूपी । गज-वेली कन्थडीनाथ गणेश जी हस्ति-स्वरूपी । अचला अचम्भेनाथ शेषनाग अचल – स्वरूपी । सिद्ध चौरङ्गीनाथ पूर्ण भगत चन्द्रमा – स्वरूपी । माया-रूपी मच्छेन्द्रनाथ । घटे-बड़े पिण्ड गुरू गोरखनाथ । इतना नौ नाथ मन्त्र-जाप… Read More
सङ्कट-मुक्ति के लिए सङ्कट-मुक्ति के लिए यदि कोई भयंकर आपत्ति आई हो; अपनी तरफ से सभी प्रकार के प्रयत्न निष्फल हो चुके हों; आपत्ति से छुटकारा न मिल रहा हो– ऐसी स्थिति में निम्न साधना लगातार ८ दिन नित्य निश्चित समय पर करें- बाह्म मुहूर्त पर स्नान करके, गीले कपड़े पहने ही अपने इष्ट नाथ का ‘नाम-मन्त्र’ १०८… Read More
नवनाथ कृपा ‘नव नाथ’ कृपा नाथ-पन्थ में ‘श्रीनवनाथ-भक्ति-सार’ ‘श्रीनाथलीलामृत’ आदि अनेक ग्रन्थ हैं । किसी भी ग्रन्थ का विधि-पूर्वक और सङ्कल्प- पूर्वक पारायण रात्रि में करें । निर्बल हृदय साधक इस साधना को न अपनाएँ । पारायण काल में किसी भी दशा में आसन छोड़कर भागना नही चाहिए । साथ ही पारायण-पूर्ति तक ‘अखण्ड’ दीप होना चाहिए… Read More
नवनाथ वन्दनाष्टकम् श्री नवनाथ वन्दनाष्टकम् वन्दे श्री आदिनाथं शिव गुरु मुदयाख्योमया युक्तमादौ । ब्राह्मण सत्यनाथं तदनु दनुकुलध्वंसि सन्तोषनाथम् ।।… Read More
नव-नाथ साम्प्रदायिक पूजा-विधान श्रीनव-नाथ साम्प्रदायिक पूजा-विधान यह पूजा किसी भी गुरुवार या पूर्णिमा को की जा सकती है। इसके लिए ‘वरुथिनी एकादशी, का दिन अत्यन्त शुभ है। इसी दिन भगवान् गोरखनाथ का जन्म हुआ था। पहले प्रातः शीघ्र उठकर स्नान करें। फिर बरगद, उदुम्बर व पीपल वृक्षों की उत्तर दिशा की १-१ डाली (८-९ इंच लम्बी) ले आएँ।… Read More
शाबर-मन्त्र-साधना में गुरु-तत्त्व शाबर-मन्त्र-साधना में गुरु-तत्त्व आदि-गुरु तो भगवान् सदाशिव ही हैं। उन्हीं के अवतार-स्वरुप ‘नव-नाथ’ ही ‘शाबर-मन्त्र-विज्ञान’ के प्रचारक लौकिक गुरु माने गये हैं। इन नाथों के सम्बन्ध में निम्न पद्यात्मक साहित्य का मनन अपेक्षित है। १॰ नव-नाथ-माला ‘आदि-नाथ’ महेश आकाश-रुप छाय रहे । ‘उदय-नाथ’ पार्वती पृथ्वी-रुप भाए हैं । ‘सत्य-नाथ’ ब्रह्मा जी जिनका है जल-रुप ।… Read More